in

पैरासिटामोल सहित 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल! बाजार में 25 प्रतिशत दवाएं नकली, ऐसे करें पहचान

53 medicines including paracetamol fail quality test! 25 percent of medicines in the market are fake, this is how to identify them

नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की जांच में 53 दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर आने के बाद आम लोगों को डर सताने लगा है कि वे जो दवाएं ले रहे हैं कहीं वे नकली तो नहीं हैं। उनका डर जायज भी है, क्योंकि एक अध्ययन के मुताबिक देश में बिकने वाली करीब 25 फीसदी दवाएं नकली हैं। नकली होने से मतलब है कि फर्जी कंपनियों द्वारा नामी कंपनियों के लेबल की नकल कर इन दवाओं की बाजार में सप्लाई की जा रही है।

सैंपल लैब टेस्ट में फेल हुई कई दवाएं

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया कि आम बुखार की दवा पैरासिटामोल सहित 53 दवाएं ऐसी हैं जिनके सैंपल लैब जांच में फेल (Sample failed in lab test) हो गये। दवाओं के नाम पर सब-स्टैंडर्ड सॉल्ट बेचे जा रहे थे। क्वालिटी टेस्ट में फेल हुए दवाओं में पेनकिलर डिक्लोफेनेक, एंटीफंगल दवा फ्लुकोनाजोल, विटामिन डी सप्लीमेंट, बीपी और डायबिटीज की दवा, एसिड रिफलक्स आदि शामिल हैं। सभी दवाएं नामी कंपनियों के लेबल में आई थीं।

सीडीएससीओ (Central Drugs Standard Control Organization) ने जब संबंधित कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा तो कंपनियों ने कहा कि लेबल पर जो बैच लिखा हुआ है उसका निर्माण उनके द्वारा नहीं किया गया है, यानी उनके नाम पर कोई फर्जी कंपनी नकली दवा बाजार में सप्लाई कर रही है।

एसोचैम की रिपोर्ट में 25 फीसदी दवा नकली होने का दावा

एसोचैम यानी एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया की 2022 में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू बाजार में उपलब्ध एक-चौथाई दवा नकली है। फेक एंड काउंटरफीट ड्रग्स इन इंडिया – ‘बूमिंग बिज नामक’ इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में दवाइयों के बाजार का आकार 14-17 अरब डॉलर है जिसमें करीब 4.25 अरब डॉलर की दवाएं नकली या सब स्टैंडर्ड हैं।

इतना ही नहीं, रिपोर्ट में कहा गया कि देश में नकली दवाओं का कारोबार सलाना 33 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ रहा है। यह 2005 में 67.85 करोड़ डॉलर (30 अरब रुपये) से बढ़कर 2020 में 40 अरब रुपये पर पहुंच गया।

सरकारी अस्पतालों में 38 फीसदी दवाएं नकली

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत दवाएं नकली पाई गई थीं। ध्यान से देखने पर भी ये नकली दवाएं बिल्कुल असली जैसी ही लगती हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में लेबलिंग में कुछ न कुछ कमियां होती हैं, जिससे इनकी पहचान की जा सकती है।

यदि आपने पहले यह दवा इस्तेमाल की हुई है तो पुरानी और नई पैकेजिंग की तुलना कर अंतर जानने का प्रयास कर सकते हैं। कई मामलों में नकली दवाओं के लेबलिंग में स्पेलिंग या व्याकरण संबंधी गलतियां होती हैं जो असली दवाओं के मामले में नहीं होती हैं।

यह भी पढ़े : ससुर ने किया प्रेम विवाह, पंचायत ने बहू को दी ऐसी सजा, हैरान कर देगा ये मामला!

क्यूआर कोड से पता करें दवा की जानकारी

केंद्र सरकार ने शीर्ष 300 ब्रांडेड नाम से बिकने वाली दवाओं को नोटिफाई किया हुआ है। अगस्त 2023 के बाद बनी इन सभी दवाओं की पैकेजिंग पर बारकोड या क्यूआर कोड होता है। उसे स्कैन करते ही उसकी पूरी जानकारी सामने आ जाती है। नकली दवाओं के बारकोड या क्यूआर कोड को स्कैन करने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है। दवाएं खरीदते समय जांच लें कि उनकी सीलिंग सही है और पैकेजिंग भी ठीक है।

सिटी न्यूज़ राजस्थान चैनल को फॉलो करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Father-in-law did love marriage, Panchayat gave such punishment to daughter-in-law, this case will surprise you!

ससुर ने किया प्रेम विवाह, पंचायत ने बहू को दी ऐसी सजा, हैरान कर देगा ये मामला!

After the wedding, the groom enters the bride's gown in front of everyone and throws this thing into the crowd of guests.

शादी के बाद सबके सामने दूल्हन के गाउन में घुसता है दूल्हा और मेहमानों की भीड़ में फेंकता है ये चीज़