महाकुंभ में संगमस्थली पर देर रात मची भगदड़ से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हादसे में 10 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि संगम नोज पर अफवाह के चलते भगदड़ मची, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। इस हादसे के बाद अखाड़ों के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार कर रहे स्थिति की निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो घंटे के भीतर तीन बार बात की। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली और तत्काल सहायता के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री योगी से बात कर हालात का जायजा लिया और केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं और घायलों के इलाज के लिए हर संभव सहायता देने की बात कही।
हादसे के बाद श्रद्धालुओं में दहशत, कई घायल
महाकुंभ में भगदड़ के दौरान मची अफरातफरी में कई श्रद्धालु घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम नोज पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं, जिसके बाद भगदड़ मच गई और कई लोग कुचले गए। हादसे के बाद करीब 70 एम्बुलेंस मौके पर पहुंचीं, जिससे घायलों को अस्पताल ले जाया गया। घायलों का इलाज मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल और प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
अखाड़ों का अमृत स्नान टला, भीड़ छंटने के बाद होगा स्नान
महाकुंभ में हो रहे अमृत स्नान को लेकर अखाड़ों ने पहले विशेष सतर्कता बरती थी। हादसे के तुरंत बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से बातचीत के बाद अमृत स्नान को रोकने का फैसला लिया गया। हालांकि, अब अखाड़ा परिषद ने घोषणा की है कि भीड़ छंटने के बाद अखाड़े स्नान के लिए जाएंगे। इस दौरान अखाड़ों की ओर से रथ यात्रा निकाली जाएगी, लेकिन उसमें कुछ कटौती की जाएगी।
श्रद्धालुओं को संगम तट न जाने की अपील
भगदड़ के बाद भी श्रद्धालुओं का संगम तट पर जाने का सिलसिला जारी है। साधु-संत और प्रशासन लोगों से संगम क्षेत्र से दूर रहने की अपील कर रहे हैं। सुरक्षा कारणों से संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं, प्रयागराज शहर में भी भीड़ न बढ़े, इसके लिए सीमा से लगे जिलों के अधिकारियों को श्रद्धालुओं को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
महंत हरि गिरी ने श्रद्धालुओं से की अपील
अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे जहां भी हों, वहीं गंगा स्नान करें और सुरक्षित घर लौट जाएं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए अनावश्यक रूप से संगम क्षेत्र में भीड़ न बढ़ाई जाए।
रात दो बजे बैरिकेडिंग टूटने से मचा हड़कंप
यह हादसा रात करीब दो बजे हुआ, जब संगम नोज पर लगाए गए बैरिकेड्स टूट गए और श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई। इसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयागराज में भीड़ को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। त्रिवेणी संगम को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है, जहां महाकुंभ के दौरान डुबकी लगाने से मोक्ष मिलने की मान्यता है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से व्यवस्था चरमराई
महाकुंभ में 13 जनवरी से अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर ही करीब 10 करोड़ लोगों के संगम पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन अचानक हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई पंटून पुलों को बंद कर दिया। प्रयागराज में लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खास सुरक्षा इंतजाम किए थे, लेकिन अफवाह और अचानक बढ़ी भीड़ ने सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया।
एनएसजी कमांडो ने संभाला मोर्चा, रेलवे और सड़क मार्ग पर भीड़
हादसे के तुरंत बाद संगम नोज इलाके में एनएसजी कमांडो तैनात कर दिए गए। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से कुछ इलाकों में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है। सड़क और रेलवे स्टेशनों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। ट्रेनों और बसों में क्षमता से अधिक लोग सवार हैं, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
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मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका, राहत-बचाव कार्य जारी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, भगदड़ में 10 से ज्यादा लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। प्रयागराज मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में शवों को भेजा गया है। प्रशासन स्थिति को काबू में करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।