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बदहाल गावों की दास्तान, बीसलपुर पेयजल योजना में घर- घर पाइपलाइन बिछी- नल प्वाइंट भी लगे-लेकिन पानी की सप्लाई नहीं

Tale of distressed villages, under Bisalpur drinking water scheme, pipelines laid from house to house - tap points also installed - but no water supply

टोंक। उनियारा उपखण्ड क्षेत्र के शिवराजपुरा ग्राम पंचायत का रामनगर (मोड़याली) गांव आजादी के 74 साल बाद भी पेयजल सहित सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा हैं।

आजादी के बाद भी ककोड, कभी सुंथडा और वर्तमान में चार साल से शिवराजपुरा ग्राम पंचायत का हिस्सा बनने के बाद भी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। पहले पानी की बात करें तो आधे गांव होली, आधे गांव में दिवाली वाली कहावत जैसा माहौल बना हुआ हैं। यहां प्रभावशाली परिवार और बिसलपुर जलदाय विभाग या ग्राम पंचायत के चहेते लोगों के घर तो दो-तीन मंजिल पर पानी पहुंच रहा हैं, सब्जियाँ तक उगाई जा रही हैं, कई गांवों में व्यर्थ पानी बह रहा हैं, वहीं कई गांवों में आमजन आज भी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं।

लाखों करोड़ों रूपए खर्च कर जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव ढाणी में पाइप लाइन भी बिछाई गई, लेकिन कई गांवों में बिसलपुर पेयजल योजना का पानी आमजन को नसीब नहीं हैं या फिर सुचारू रूप से नहीं मिल पा रहा हैं। रामनगर मोडयाली गांव उनियारा उपखण्ड क्षेत्र का अकेला गांव नहीं है, दर्जनों गांवों में आज भी पेयजल का गम्भीर संकट है। मिली जानकारी अनुसार ककोड ग्राम पंचायत के बालाजी की झोपड़ियां, बिलोता ग्राम पंचायत का सहादत नगर मुख्य गांव सहित पाटोली ग्राम पंचायत का अलीपुरा भगवानपुरा गांव में पेयजल आपूर्ति बीसलपुर पेयजल परियोजना व जलदाय विभाग के कार्मिकों की मनमर्जी से दी जाती हैं।

जानकारी अनुसार कई गांवों में अवैध नल जल कनेक्शन जिम्मेदारों की शह पर लगे हुए हैं, जिसके चलते पेयजल की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं हो पा रही हैं और फिर जिम्मेदार अपने आपको बचाने के लिए ग्राम जल स्वछता समिति को उतरदायी बताते हैं। वहीं रामनगर (मोड़याली) पूरा गांव बारिश में तो टापू बन जाता हैं और इसका सम्पर्क ककोड, सुथड़ा, बनेठा, शिवराजपुरा से भी कट जाता हैं। सरकार व लोग कहते हैं अच्छे दिन आएंगे पर आजादी के 74 साल बाद भी कई गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं और ग्रामीण विकास, सार्वजनिक निर्माण, और जलदाय और बिसलपुर योजना विभाग के कर्मचारी कार्यालय के वातानुकूलित कक्षों में आराम फर्मा रहे हैं।

सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का भी वास्तविक निस्तारण नहीं करके गोलमोल जवाब देकर इतिश्री करने का खेल चल रहा हैं, वहीं फोन पर समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी समय पर कोई समाधान नहीं किया जा रहा हैं। समस्या पर ना तो जनप्रतिनिधी या जिम्मेदार विभागीय अधिकारी भी ग्रामीणों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते आमजन को कई गांवों में पेयजल संकट व कई गांवो में सड़क नहीं होने से ग्रामीणों में जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरा रोष व्याप्त हैं।

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इधर, टोंक जिले के पीपलू तहसील के ग्राम नवरंगपुर में 2 दिन से बीसलपुर परियोजना के अंतर्गत नलों में पानी नहीं आने के कारण पीने के पानी के लिए डेढ़ 2 किलोमीटर दूर जाकर पानी लेकर आना पड़ रहा है जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है ग्रामीणों ने बताया कि गांव के अधिकांश हेड पंपों में खारा पानी है जिससे ग्रामीणों को दुर दराज पैदल जाकर कुओं से पानी भरकर लाना पड़ रहा है।

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