टोंक, (चेतन वर्मा)। दूनी क्षेत्र के चाँदसिंहपुरा, हनुमानपुरा, निवारिया, नया गांव गोठड़ा, गांधीग्राम, कंवरपुरा व बालापुरा के दर्जनों किसान क्षेत्र से गुजरने वाली गलवा से आने वाली राजस्थान पूर्वी नहर परियोजना (ERCP Project) के प्रस्तावित प्रारूप को लेकर काफ़ी परेशान व चिंतित है। इनका मानना है कि पूर्व सर्वे के अनुसार नहर बनने से गरीब किसानों की सैकडों बीघा कृषि योग्य जमीन बर्बाद होने से जनधन की भारी हानि होगी।
समस्या से ग्रस्त इन गांवों के लगभग 3 दर्जन किसानों ने पूर्व कृषि मंत्री व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ प्रभुलाल सैनी को उनके आवां स्थित निवास पर पहुँच कर इस नहर के पुनरसर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। पूर्व मंत्री सैनी ने किसानों की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए राज्य के जल संशाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को पत्र लिखने के साथ सर्व हित को ध्यान में रखते हुए तकनीकी खामियां दूर करने हेतु दूरभाष पर बात भी की।
निवारिया सरपंच मुकेश मीना के साथ ज्ञापन देने आए रामदेव गुर्जर, जगदीश पटेल, बिरदी चंद, राजू लाल, कल्याणमल सहित दूनी क्षेत्र के कई काश्तकारों ने बताया कि गलवा बांध से बीसलपुर बांध तक ईआरसीपी परियोजना के तहत बनने वाली नहर का दुबारा सर्वे करवाए जाने की जरूरत है।
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पूर्व सर्वे अनुसार नहर बनने से किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है। नए सर्वे में उक्त नहर को ग्राम पंचायत घाड़ के ज्योतिपुरा पहाड़ से नीचे- नीचे नोगजा होते हुए चाँदली की ओर ले जाये तो किसानों को राहत मिल सकती है। इसमें काफ़ी हद तक किसानों को मुवाज़ा देने से भी बचा जा सकता है।