कोटा। सपने देखना किसे अच्छा नहीं लगता और जब कोई जीवन की दशा और दिशा बदलने वाला सुनहरा सपना साकार हो जाए तो उस खुशी को बयां करना आसान नहीं होता। ऐसा ही सुंदर सपना नारी निकेतन में पली-बढ़ी सुनीता, पूनम और मीनाक्षी ने भी देखा था और अपनी शादी से जन्म-जन्म का साथी पाने का सपना जीवन्त होते देख उनकी खुशी का ठिकाना न था।
करियर और केयर सिटी कोटा में मोशन एजुकेशन के ध्रुव कैम्पस में गुरुवार को शहनाई के स्वर के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) की मौजूदगी में इनकी शादी परम्परागत रीति-रिवाज के साथ कराई (The marriage was conducted with traditional customs) गई। इससे पहले बारात की अगवानी मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत (Social Justice and Empowerment Minister Avinash Gehlot) ने वर्चुअली कनेक्ट होकर विवाह समारोह को संबोधित किया। उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को विभाग की सुखद दाम्पत्य जीवन योजना अंतर्गत दिव्यांग कन्याओं को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की एवं मोशन परिवार को सहयोग करते हुए उक्त विवाह आयोजन को भामाशाहों के लिए एक प्रेरणा बताया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उम्मीद जताई कि मोशन के इस आयोजन के बाद शहर के अन्य सक्षम जन भी सामाजिक सरोकार के ऐसे कार्यों से जुड़ेंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका (Additional Chief Secretary Kuldeep Ranka) और वरिष्ठ आईएएस डॉ. समित शर्मा ने भी वर्चुअल रूप से समारोह में भाग लिया (Senior IAS Dr. Samit Sharma also participated in the ceremony virtually) और वर-वधु को शुभकामनाएं देते हुए मोशन एजुकेशन के आयोजन की सराहना की।

इससे पहले गुरुवार प्रातः मोशन के ध्रुव कैम्पस में तीनों दूल्हों ने शुभ मुहूर्त में तोरण की रस्म अदा की (The three grooms performed the Toran ceremony at the auspicious time)। नव-युगल ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली। इस दौरान जोड़ों पर गुलाब की पंखुरियों की वर्षा होती रही। कन्यादान जाने-माने शिक्षाविद और भामाशाह नितिन विजय और उनकी पत्नी ने डॉ. स्वाति विजय ने किया। वहीं आचार्य ने वैदिक मंत्रों और विधि-विधान से दूल्हा-दुल्हन को सात वचन दिलाते हुए पवित्र अग्नि के सात फेरे (Seven rounds of the sacred fire, making seven promises to the bride and groom as per the rituals.) करवाकर पाणिग्रहण संस्कार करवाया। इसके साथ ही सुनीता ने नरेंद्र सुवालका, पूनम ने महावीर मेघवाल और मीनाक्षी ने बृजेश पाराशर संग गृहस्थ जीवन का सफर शुरू किया।
तीनों बेटियों को जरूरी सुहाग प्रतीक, आभूषण, घर-गृहस्थी की सामग्री जैसे बर्तन, स्कूटी, वॉशिंग मशीन, टीवी, फ्रीज आदि 50 वस्तुएं उपहार स्वरूप भेंट की गई। आशीर्वाद समारोह में पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा, पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, वरिष्ठ अधिकारी राजेश डागा, कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, भाजपा नेता पंकज मेहता सहित शहर के कई गणमान्य लोगों ने नव दंपतियों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। शादी में दो हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। विदाई हुई तो नारी निकेतन और मोशन के स्टॉफ के लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे।

मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सयुंक्त निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल और उप निदेशक भगवानसहाय शर्मा आदि अधिकारियों के साथ नारी निकेतन में आवासित बेटियों के विवाह की चर्चा हुई थी। नारी निकेतन की ओर से मेरे सामने कन्यादान का प्रस्ताव आया तो बहुत खुशी हुई। यह मेरे माता-पिता सुरेन्द्र विजय-सुशीला विजय की 50वीं वैवाहिक वर्षगांठ का मौका भी है। ऐसे में ये पुनीत कार्य करके अच्छा महसूस हो रहा है।
किन्नरों ने दिया शगुन
समारोह में पहुंचे करीब डेढ़ दर्जन किन्नरों को मोशन परिवार की ओर से जब शगुन की राशि भेट करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वे शगुन लेने नहीं देने आए हैं। मनीषा, नैना और ग्रुप की ओर से तीनों दुल्हनों को सोने की आधा-आधा तोले की अंगूठियां भेंट की गई। रीना किन्नर ग्रुप की ओर से तीन आलमारी, तारा देवी किन्नर ने वस्त्र एवं उपहार के साथ साथ वर-वधु को आशीर्वाद दिया एवं बधाई गीतों की प्रस्तुतियां भी दी।
कभी नहीं सोचा था
नारी निकेतन की अधीक्षक अंशुल मेहंदीरत्ता ने बताया कि यह तीनों बेटियां नारी निकेतन में पली बढ़ी हैं। मीनाक्षी को उसके माता-पिता ने 4-5 साल की आयु में छोड़ दिया था। तब से उसका बचपन कोटा की विभिन्न संस्थाओं में गुजरा। उसकी बारात सवाईमाधोपुर से आई। मीनाक्षी का पति घी निर्माता कम्पनी में कार्यरत है। इसी तरह पूनम व सुनीता पुलिस को लावारिस अवस्था में कोटा स्टेशन पर घूमती मिली थी। मूकबधिर होने के कारण दोनों के घर का पता नहीं चल पाया। दोनों सिलाई-कढाई व बुनाई में निपुण हैं। पूनम का विवाह ग्राम अरनिया निवासी महावीर और सुनीता का विवाह बंजरगपुरा कुन्हाड़ी निवासी नरेन्द्र से हुआ है। मीनाक्षी ने बातचीत में बताया कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसका विवाह होगा और वह भी इस तरह धूमधाम से होगा। अब मेरी विदाई हो रही है और मुझे बहुत खुशी है कि मेरे साथ इतने अपने लोग हैं। यह शादी समाज के लिए एक मिसाल बननी चाहिए।
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इंटरव्यू के बाद चुने गए दूल्हे
अब तक महिला सदन जयपुर से ही ऐसी बेटियों के विवाह करवाए जाते रहे हैं। संभाग स्तर पर पहली बार ऐसा आयोजन किया गया। इन बेटियों के योग्य वर की तलाश के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर की अध्यक्षता में विवाह उपसमिति गठित की। इसमें विभागीय अधिकारियों के अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, पुलिस अधीक्षक व अन्य सदस्य थे। उपसमिति ने विज्ञप्ति निकालकर आवेदन आमंत्रित किए। आवेदनों की जांच पड़ताल के बाद बेटियों से राय मांगी गई। उनकी रजामंदी के बाद लड़कों से मिलवाया गया। इसके बाद शादी तय की गई। बातचीत के अलावा पुलिस सत्यापन, मेडिकल प्रमाण पत्र व अन्य दस्तोवज आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर कार्यालय में जमा करवाए गए।