राजस्थान में जब से भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री बने हैं, तब से एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। एक ओर जहां प्रदेश में ताबदलों का सिलसिला जारी है। वहीं, कांग्रेस सरकार में जारी सेवाओं को निरस्त किया जा रहा है। हाल ही में कॉन्ट्रेक्टर पर काम कर रहे रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा को समाप्त करने का फैसला लिया गया था। अब भजन लाल सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत राजस्थान के सभी मनोनीत पार्षदों को निरस्त (Nominated councilors canceled) कर दिया है। ये सभी पार्षद कांग्रेस सरकार में पार्षद मनोनित किये गए थे। इसके साथ ही राज्य व जिला स्तरीय समितियों को भी समाप्त करने के आदेश कर दिए है।
राजस्थान सरकार ने 10 जनवरी 2024 को एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि राजस्थान के सभी मनोनीत पार्षदों के मनोनयन को निरस्त कर दिया (Nomination of nominated councilors canceled) गया है। ये आदेश स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया है।
किस नियम के तहत पार्षदों को निरस्त किया गया
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा द्वारा जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि, राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 की उपधारा (1) के खण्ड (क) के परन्तुक (ii) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार राज्य की समस्य नगर निगम, नगर परिषद और नरगपालिकाओं में मनोनित किये गए सदस्यों (सहवृत) सदस्यों को एतद् द्वारा तत्काल प्रभाव से उनका मनोनय निरस्त कर उन्हें (सहवृत्त) सदस्य से हटाया जाता है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि राज्यपाल के आज्ञा से इस फैसले को जारी किया गया है।
वहीं, प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक आदेश जारी कर पुर्व की गहलोत सरकार में गठीत राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियां, आयोग, निगम, बोर्ड (State level and district level committees, commissions, corporations, boards) और टास्क फोर्स इत्यादि में मनोनीत किए गए गैर सरकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का मनोनयन एवं गैर सरकारी सदस्यों की सलाहकार सेवाएं तुंरत प्रभाव से समाप्त की जाती है। राजस्थान में राज्य महिला आयोग और बाल आयोग समेत मानवाधिकार आयोग समेत कई अन्य राजनीतिक नियुक्तियां की गई थी।
इन बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों को हटाया
आदेश के तहत आरटीडीसी, राज्य वन विकास निगम, राज्य भंडार गृह निगम, जीव जंतु कल्याण बोर्ड, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, राज्य खनिज विकास निगम, अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, राज्य पाठ्य पुस्तक निगम, हज कमेटी, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, राज्य गौ-सेवा आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य खाद्य आयोग समेत अन्य पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण की भी सभी राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं।
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इनकी सेवाएं भी की समाप्त
इनके साथ ही अनुसूचित जाति प्राधिकरण, राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, जयपुर विकास प्राधिकरण, राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स), राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य गृह निर्माण मंडल, राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड, श्रम कल्याण बोर्ड राज्य वनौषधि पादप बोर्ड, वक्फ बोर्ड और वक्फ विकास निगम जैसे बोर्ड, आयोग और समितियों में की गई नियुक्तियां भी समाप्त कर दी गई हैं।