नागौर। जिले के डीडवाना इलाके नुवां गांव में एक ही परिवार की दो महिलाओं और दो बच्चों की मौत का सच (The truth of the death of two women and two children of the same family) सामने आ गया है। दोनों महिलाएं सगी बहनें थी और वे देवरानी जेठानी भी थीं (Both women were real sisters and they were also sisters-in-law)। दोनों ने शुक्रवार रात को दो बच्चों के साथ फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी (Committed suicide by hanging herself along with two children), शनिवार को सुबह घर वालों को इसका पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। वहीं इस घटना की सूचना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। सुसाइड का कारण गृहक्लेश (Reason for suicide: Homelessness) सामने आया है। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस के अनुसार नुवां गांव की रहने वाली दो सगी बहनें नाजिया (32) पत्नी सलाहुद्दीन और साजिया (30) पत्नी लियाकत अली का एक ही परिवार में ससुराल है। दोनों सगी बहनें सगी जेठानी और देवरानी भी थी। दोनों महिलाओं के पति 5 सालों से विदेश में कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि लंबे समय से परिवार में गृहक्लेश और पारिवारिक विवाद चल रहा था। इसके चलते दोनों बहनें तनाव में आ गई और शुक्रवार रात को दोनों बहनों ने दो बच्चों सहित फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों बच्चें साजिया के थे।
परिजनों को जब घटना का पता चला तो घर में कोहराम मच गया। सूचना पर मौलासर पुलिस मौके पर पहुंची और चारों के शवों को फंदे से उतार कर डीडवाना के राजकीय बांगड़ चिकित्सालय की मोर्चरी में पहुंचाया। इस मामले में पुलिस ने मृतक बहनों के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को डिटेन किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
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मृतक महिलाओं के परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोग दोनों बहनों को घर के एक कमरे में ही रखते थे, उन्हें मकान के दूसरे हिस्सों में आने जाने की मनाही थी। इसके अलावा उन्हें घर में बार बार मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी। संभवतः इसी कारण से दोनों बहनों ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। बच्चों की शिनाख्त कनिष्का (7) और आमीर खान (4) के रूप में हुई है। ये दोनों साजिया के बेटे और बेटी थे।