नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में इंडियन आर्मी ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है, भारत की तीनों सेनाओं ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करते हुए कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में करीब 90 आतंकियों को मारा गया है, भारत ने इस कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” कहा है।
भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों का प्लान बनाया गया था। वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक को कायराना बताया है।
पहलगाम में 22 अप्रैल के कायराना आतंकी हमले से देशभर में आक्रोश बना हुआ था, आतंक की कमर तोड़ने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। लेकिन इसे सिर्फ पहलगाम का बदला नहीं कहा जा सकता। इन एयरस्ट्राइक के जरिए भारत ने अपने पिछले हिसाब भी चुकता कर दिए हैं।
भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके के जिन नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई, उनमें बहावलपुर, मुदीरके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद है। बहावलपुर में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर और मुदिरके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया है।

भारत ने आतंक के खिलाफ पुराने हिसाब कैसे चुकता किए?
आधी रात को ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान दहल उठा, भारत की एयर स्ट्राइक में 90 आतंकी ढेर हो गए है। पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह सैन्य कार्रवाई केवल पहलगाम का इंतकाम लेने तक सीमित नहीं है बल्कि इसके जरिए भारत ने कई पुराने आतंकी हमलों के हिसाब चुकता कर दिए हैं।
2008 का मुंबई हमला
26 नवंबर 2008 को मुंबई में बड़ा आतंकी हमला हुआ था, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने समुद्री रास्ते से मुंबई में प्रवेश किया कर आतंकी हमले किए थे। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े थे।
2016 का उरी हमला
जम्मू-कश्मीर के उरी में सैन्यअड्डे पर 18 सितंबर, 2016 को भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया गया था, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे। भारत ने इस हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया था। हमलावरों ने ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया था।
2019 का पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हुए और कई घायल हुए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह हमला भारत में किए गए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।
इस तरह पाकिस्तान और पीओके में सैन्य कार्रवाई कर भारत ने पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया है बल्कि इन पुराने आतंकी हमलों का भी बदला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा, पीएम मोदी ने बीते एक हफ्ते से लगातार हो रही बैठकों में यह स्पष्ट किया था कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे उनकी पत्नियां विधवा हो गईं, ऐसे में भारत को यह कड़ा संदेश देना था कि आतंकियों को इस कदर बचकर भागने नहीं दिया जा सकता।
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इस हमले में अब तक 90 आतंकियो के ढेर होने की खबर है। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने एयरस्ट्राइक के लिए सभी टारगेट की पहचान की थी, जिसके बाद लश्कर और जैश के ठिकानों पर हमला किया गया।
जब तक अंदर के गद्दार खत्म नहीं होंगे, और पी ओ के भारत में सामिल नहीं होगा
तब तक ये सिलसिला चलता रहेगा ।
सरकार की कार्यवाही स्राहनीय है
जय हिन्द जय भारत ?