दुनिया के किसी भी कोने में जब युद्ध की चिंगारी भड़कती है, तो दो चीजें पर इस असर साफ नजर आता हैं- शेयर बाजारों की गिरावट और सोने के भाव में जबरदस्त उछाल। चाहे रूस-यूक्रेन संघर्ष हो या ईरान-इजरायल के बीच तनाव, हर बार इतिहास ने खुद को दोहराया है। जब बाजार धड़ाम होते हैं, तो सोने की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों युद्ध के समय सोना इतनी तेजी से महंगा हो जाता है? चलिए, इस रहस्य को थोड़ा और करीब से समझते हैं। आखिर क्यों बढ़ रहे सोने के दाम!
ईरान-इजरायल युद्ध- सोने की चमक फिर बढ़ी
पिछले हफ्ते जब ईरान ने इजरायल पर 180 मिसाइलों से हमला किया, तो पूरे विश्व में तनाव का माहौल छा गया। इसका असर न केवल तेल की कीमतों पर पड़ा, बल्कि सोने की कीमतों में भी उछाल (Gold prices also rise) देखने को मिला। भारत में 24 कैरेट सोना 75,615 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 76,082 रुपये पर पहुंच (24 carat gold increased from Rs 75,615 per 10 grams to Rs 76,082) गया। यही नहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी सोने के भाव में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी। फरवरी 2022 में 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का सोना, कुछ ही दिनों में 55,000 रुपये तक पहुंच गया था, और इसराइल-हमास संघर्ष के समय यह 63,000 रुपये का आंकड़ा पार कर गया था।
सोना- निवेश का सबसे सुरक्षित ठिकाना
जब संकट का समय आता है, तो सोना एक सुरक्षित बंदरगाह की तरह काम करता है। शेयर बाजार भले ही लड़खड़ाते हों, लेकिन सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती। चाहे आम लोग हों या सरकारें, सभी सोने में निवेश करना सुरक्षित समझते हैं। यही वजह है कि संकट की घड़ी में सोने की डिमांड बढ़ जाती है और इसके साथ ही इसकी कीमतें भी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अन्य संपत्तियों की तरह इसका मूल्य कम नहीं होता, बल्कि संकट में यह और ज्यादा मूल्यवान हो जाता है।
महंगाई और सोने का सीधा संबंध
जब युद्ध की स्थिति होती है, तो जरूरी चीजों की सप्लाई बाधित हो जाती है और महंगाई बढ़ने लगती है। ऐसे समय में करेंसी का अवमूल्यन होता है, जिससे सोने की कीमतों में और इजाफा हो जाता है। फिलहाल, ईरान-इजरायल संघर्ष (Iran-Israel conflict) की वजह से कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जो महंगाई में इजाफे का संकेत है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि जब आर्थिक असुरक्षा बढ़ती है, तो सोना सबसे विश्वसनीय निवेश विकल्प बन जाता है। HDFC सिक्योरिटी के कमोडिटी करेंसी हेड अनुज गुप्ता के अनुसार, युद्ध के समय सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण श्सेफ हेवन डिमांडश् यानी सुरक्षित निवेश की मांग होती है। जब लोग अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर विकल्प ढूंढते हैं, तो सोने की फिजिकल डिमांड बढ़ जाती है, जो इसकी कीमत को ऊपर धकेलती है।
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युद्ध, आर्थिक संकट या महामारी- हर मुश्किल दौर में सोने ने अपनी चमक बरकरार रखी है। यही वजह है कि सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि सुरक्षित भविष्य की गारंटी है।