बून्दी। कामकाजी महिलाओं के संघर्ष पर किए गए शोध कार्य पर कोटा विश्वविद्यालय कोटा द्वारा सविता लौरी को हिंदी विषय में पीएचडी उपाधि प्रदान की (University Kota awarded PhD degree in Hindi to Savita Lauri) गई है। हिंदी विषय में पीएचडी उपाधि के लिए सविता लौरी ने “चित्रा मुदगल के कथा साहित्य में कामकाजी महिलाओं के संघर्ष का अध्ययन“ विषय पर पर्यवेक्षक डॉ. अनीता गुप्ता सह आचार्य राजकीय महाविद्यालय आबू रोड तथा सह पर्यवेक्षक डॉ मनीषा शर्मा सह आचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय कोटा के निर्देशन अपना शोधकार्य पूर्ण किया था।
इनका पीएचडी वाइवा प्रस्तुतीकरण केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के निदेशक प्रो. सुनील कुलकर्णी के निर्देशन में संपन्न हुआ। इस दौरान कोटा विश्वविद्यालय के शोध निर्देशक डॉ.रीना दाधीच, उप निदेशक डॉ.विपुल शर्मा, पर्यवेक्षक डॉ अनीता गुप्ता, सह पर्यवेक्षक डॉ मनीषा शर्मा व शोध विभाग के चमन तिवारी मौजूद रहे।
कामकाजी महिला के प्रति समाज का कम सकारात्मक हैं नजरिया
डॉ. सविता लौरी ने बताया कि शोध के दौरान पाया कि आज भी हमारे समाज में कामकाजी महिला के प्रति समाज के लोगों का नजरिया सकारात्मक कम नकारात्मक अधिक है। स्वतंत्रता के सात दशक के बाद भी समाज के लोगों की मानसिकता में वह अपेक्षित परिवर्तन नहीं आये हैं, जो आने चाहिए थे।
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प्रस्तुत शोध में आधुनिक महिला कथाकारों के स्त्री चिंतन पर आधारित रचनाओं का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, इन लेखिकाओं ने नारी की परंपरागत छवि के साथ-साथ आज की आत्मनिर्भर नारी की एक नई छवि को अपने लेखन के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इनके लेखन में चित्रित कामकाजी नारी में व्यापक परिवर्तन आये है। वह अपने अधिकारों के प्रति सजग हुई है।