जयपुर। राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय है, और बीते रविवार को प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई शहरों में सड़कों पर पानी भर गया, ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गए, और बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ा। इस दौरान, बारिश से जुड़े हादसों में भाई-बहन समेत 5 लोगों की मौत भी हुई है।
प्रमुख शहरों में बारिश का कहर
बूंदी शहर में भारी बारिश के कारण सड़कों पर सैलाब जैसा मंजर दिखा, और तेज बहाव में दोपहिया वाहन तिनके की तरह बहते नज़र आए। लगातार बारिश के चलते नागदी बाजार की दुकानों में पानी भर गया, और लोगों का आवागमन बाधित हो गया। नवल सागर और जेत सागर तालाब का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे शहर की साफ-सफाई और ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई है। बिजली गुल होने से भी लोगों को परेशानी हुई।
कोटा शहर में रविवार सुबह एक बार फिर जोरदार बारिश का दौर शुरू हुआ। दादाबाड़ी, महावीर नगर, स्टेशन क्षेत्र, नयापुरा और मकबरा सहित कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी। हालांकि, बीते 4 दिन से पड़ रही तेज धूप और गर्मी से शहरवासियों को राहत मिली है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
जोधपुर शहर सहित जिले भर में सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छाई रहीं, जिससे मौसम सुहावना हो गया और तपिश से राहत मिली। मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होने से भीतरी शहर की तंग गलियों में नदी की तरह पानी बहने लगा। अजमेर में हुई भारी बारिश से रेलवे स्टेशन पानी में डूब गया। बारां जिले के शाहबाद में 131 मिमी (5 इंच से ज्यादा) सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई।
5 जनों की गई जान
भीलवाड़ा में दो चचेरे भाइयों की बरसाती नाले में डूबने से मौत हो गई। राजसमंद में तालाब में डूबने से भाई-बहन की जान चली गई, और ब्यावर में कीचड़ में गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई। जोधपुर और पाली में मकान की दीवारें गिर गईं, जिससे पाली में दो बच्चों सहित तीन लोग घायल हो गए।
सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में शनिवार रात गलवा नदी में एक ट्रैक्टर बह गया, जिसके ड्राइवर की तलाश जारी है। वहीं, टोंक की गलवा नदी में 36 घंटे पहले बहे एक युवक का शव रविवार सुबह मिला। टोंक जिले के देवली उपखंड के राजमहल इलाके में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मौसम का आगामी अलर्ट
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक लो-प्रेशर सिस्टम पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन राजस्थान के ऊपर बना हुआ है। मानसून की ट्रफ लाइन भी अपनी सामान्य स्थिति से गुजर रही है। इन प्रणालियों के कारण अगले दो दिन तक राजस्थान में अति भारी बारिश होने की आशंका है।
रेड अलर्ट- सोमवार को झालावाड़, बारां और कोटा जिलों में 205 मिमी (8 इंच से अधिक) बारिश की संभावना के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। कुल 9 जिलों में रेड अलर्ट और 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है।
ऑरेंज अलर्ट- नागौर, भीलवाड़ा, पाली और जोधपुर जिलों में 3 घंटे के अंदर भारी बारिश की संभावना है।
इन जिलों में येलो अलर्ट-
जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, अजमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, चूरू, सीकर, बूंदी, उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में मेघगर्जना के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना बनी हुई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक राजस्थान में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे कई जिलों में आफत की स्थिति पैदा हो सकती है। कोटा, उदयपुर और अजमेर संभाग में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है, जबकि जयपुर और भरतपुर संभाग में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जोधपुर संभाग में भी 13 से 15 जुलाई तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है और बीकानेर संभाग में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है। 16 और 17 जुलाई को भी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है।
यह भी पढ़े: राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, 2 जुलाई से तेज होंगी गतिविधियां, इन जिलों में कहर बरसेगा!
राज्य में 1 जून से 12 जुलाई तक औसत से 108 फीसदी ज्यादा बरसात (कुल 213.3 मिमी) दर्ज की जा चुकी है। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।