टोंक, (चेतन वर्मा) । राजस्थान के टोंक जिले में एक युवक की मौत के बाद बुधवार को बवाल मच गया। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड पर शव रखकर प्रदर्शन किया। घटना के दौरान पुलिस टीम को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा, जब वे समझाकर लौट रहे थे, तभी लोगों ने पथराव कर दिया। जिससे देवली DSP की गाड़ी समेत 4 सरकारी वाहनों के शीशे टूट गए (Glasses of 4 government vehicles including DSP’s car broken)। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग (Aerial firing) करनी पड़ी।
पुलिस पर ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि मंगलवार को पुलिसकर्मी ने ट्रैक्टर से ड्राइवर विमल मीणा को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद नगरफोर्ट थाना क्षेत्र के बालागढ़ गांव के ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे-34 पर नगरफोर्ट-धूनी रोड को रातभर जाम कर दिया। बुधवार सुबह प्रशासन की टीम को ग्रामीणों को समझाने भेजा गया, लेकिन घटना स्थल से 5 किलोमीटर दूर कुछ लोगों ने रास्ता रोक लिया और अधिकारियों की गाड़ियों पर पथराव शुरू कर दिया।
प्रशासन की पहल पर हुआ समझौता
बवाल के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी लोगों के समर्थन में पहुंच गए थे। हालांकि, शाम तक इस मुद्दे का समझौता हो गया। एसपी विकास सांगवान ने बताया कि इस मामले में 2 आरोपी बनाए गए हैं। मृतक ड्राइवर के परिवार को 30 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक दिया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मॉर्च्युरी में रखवाया है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानिए पूरा मामला- पुलिस और ड्राइवर के बीच टकराव
ग्रामीणों का आरोप है कि 26 वर्षीय ड्राइवर विमल मीणा मंगलवार शाम 6ः15 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली में मिट्टी भरकर अपने घर आ रहा था, जब नगरफोर्ट थाने की 112 नंबर गाड़ी ने उसे रुकने का इशारा किया। ड्राइवर ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोक लिया, लेकिन पुलिस जवानों ने उसे पुलिस गाड़ी में बैठा लिया और बाद में उसे बालागढ़ में उतार दिया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर थाने जा रहा था।
पुलिस पर आरोप और घटनास्थल पर बवाल
ग्रामीणों के मुताबिक, ड्राइवर विमल ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को रुकवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मी ने ट्रैक्टर को नहीं रोका और सीधे उसपर चढ़ा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिसकर्मी ट्रैक्टर-ट्रॉली को थाने ले गया। मृतक के भाई चंद्र प्रकाश मीणा ने कहा कि उसके भाई को ट्रैक्टर चढ़ाकर मारा गया, उस हत्यारे को गिरफ्तार किया जाए।
पथराव और अधिकारियों पर हमले की घटना
सुबह प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बावजूद, गुस्साए ग्रामीणों ने रास्ता रोक लिया और पथराव किया, जिससे देवली एसडीएम, मालपुरा एएसपी, देवली डीएसपी की गाड़ी समेत चार सरकारी वाहनों के शीशे टूट गए। इसके बाद अधिकारियों के लिए यह स्थिति तनावपूर्ण हो गई और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का बयान
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि एक थप्पड़ मारने पर जब किसी को जेल भेजा जा सकता है, तो ट्रैक्टर चढ़ाकर हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों को पहले गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।
मामले में पुलिस का एक्शन
इस मामले में टोंक पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। एसपी विकास सांगवान ने मामले में कार्रवाई करते हुए नगरफोर्ट थाना के हेड कांस्टेबल शंकरलाल और कांस्टेबल चेतन कुमार को निलंबित कर दिया। इसके अलावा, आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
सरकारी सहायता और आगे की कार्रवाई
मृतक के परिवार को 30 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक दिया गया है और मृतक की डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। टोंक पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में संज्ञान लिया और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी रखने की बात की है।
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मामले की गंभीरता और प्रशासन की स्थिति
बालागढ़ में हुए इस ट्रैक्टर-ट्रॉली के हादसे के बाद प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। हालांकि, ग्रामीणों के आक्रोश और पथराव के बावजूद, इस मामले का समाधान शांति से किया गया और स्थितियों को नियंत्रित किया गया।