राजस्थान के बाड़मेर जिले के रामसर और गडरा रोड इलाकों में RAS अधिकारी अनिल जैन द्वारा किए गए एक बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। इस अधिकारी ने SDM पद पर रहते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र में अपने परिवार के नाम बड़ी मात्रा में जमीन की खरीद-फरोख्त (Buying and selling of land) की। यह जमीन किसानों से बेहद कम दामों में खरीदी (Bought land from farmers at very low prices) गई और बाद में सोलर कंपनियों को महंगे दामों में बेच दी (Sold solar companies at high prices) गई।
कैसे हुआ घोटाला?
अनिल जैन, जो रामसर के SDM और गडरा रोड के उपखंड अधिकारी के अतिरिक्त चार्ज पर तैनात हैं, ने 10 महीने की अवधि में 2350 बीघा जमीन (2350 bigha land) अपने परिवार के सदस्यों- मां, पिता और भाई के नाम खरीदी। इन जमीनों को मात्र 10 हजार से 40 हजार रुपये प्रति बीघा की दर से किसानों से खरीदा गया और सोलर कंपनियों को 1 लाख रुपये से अधिक की दर पर बेचा गया।
रात के अंधेरे में हुई रजिस्ट्रियां
इस पूरे घोटाले में जमीन खरीदने और बेचने की प्रक्रिया रात के समय में हुई। लगभग सभी जमीनों की रजिस्ट्रियां उप-पंजीयन कार्यालय में रात में दर्ज की गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह सारा काम पूरी तरह से गुपचुप तरीके से किया गया। जमीन विवादों को अपने हक में करवाने के बाद इनका पंजीकरण कराया गया।
सीलिंग एक्ट का उल्लंघन और स्टांप ड्यूटी का नुकसान
सीलिंग एक्ट (Sealing Act) के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 437 बीघा जमीन खरीद सकता है, लेकिन अनिल जैन के परिवार के सदस्यों के नाम पर 2400 बीघा जमीन खरीदी गई। इतना ही नहीं, इन जमीनों को पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of attorney) के जरिए खरीदा गया, जिसका पंजीकरण नहीं कराया गया। इसके बाद सीधे सोलर कंपनियों के नाम रजिस्ट्री कर दी गई, जिससे सरकार को स्टांप ड्यूटी का भारी नुकसान हुआ।
किसानों पर दबाव और झूठे वाद
किसानों को जमीन बेचने पर मजबूर करने के लिए दबाव बनाया गया। एक शिक्षक, जिसने अपनी जमीन बेचने से मना कर दिया, उसका ट्रांसफर दूर कर दिया गया। एक अन्य मामले में, किसान पर किसी महिला को बहन बनाकर झूठा वाद दर्ज करवाया गया, जबकि किसान बार-बार कहता रहा कि वह महिला उसकी बहन नहीं है।
कार्यालयों का दुरुपयोग
रजिस्ट्रियों के लिए उप-पंजीयन कार्यालय पर रात में रजिस्ट्रियां करने का दबाव बनाया गया। जब उप-पंजीयक ने रात में काम करने से मना कर दिया, तो SDM ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर उसे बदलवा दिया।
मूल निवास और पोस्टिंग का विवाद
अनिल जैन के परिवार का मूल निवास रामसर, बाड़मेर है, लेकिन सरकारी दस्तावेज़ों में उनका डीओपी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल) निवास जोधपुर दर्ज है। इसी के आधार पर उन्हें रामसर SDM के पद पर नियुक्त किया गया।
जांच के आदेश
इस मामले के उजागर होने के बाद बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जांच के आदेश दिए (District Collector Tina Dabi ordered investigation)। नगर विकास न्यास के सचिव श्रवण सिंह राजावत को इस जांच की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, 10 दिन से अधिक समय बीतने के बावजूद जांच की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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SDM ने दी सफाई
RAS अधिकारी अनिल जैन ने इस मामले में खुद को निर्दाेष बताते हुए कहा कि उनके परिवार का व्यापार पारंपरिक रूप से चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि गांव के लोग उनके परिवार से ब्याज पर पैसे लेते हैं और समय पर पैसे वापस न कर पाने की स्थिति में अपनी जमीन दे देते हैं। अनिल जैन ने कहा कि यह उनके परिवार का निजी कारोबार है, जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।