शादी का जिक्र होते ही घरों में खुशी और उत्साह का माहौल बन जाता है। माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे योग्य जीवनसाथी खोजने में जुट जाते हैं। आमतौर पर यह प्रक्रिया पारिवारिक परिचितों, रिश्तेदारों, या अब के आधुनिक युग में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पूरी होती है। लेकिन चीन के शंघाई में शादी के लिए एक अनोखी परंपरा (A unique tradition for a wedding in Shanghai) देखने को मिलती है, जिसे शादी की मंडी या मेरिज मार्केट (Marriage market China) कहा जाता है। यहां माता-पिता और रिश्तेदार अपने परिवार के अविवाहित युवाओं के लिए योग्य पार्टनर की तलाश में आते हैं।
पार्क में सजती है शादी की मंडी
शंघाई के एक प्रसिद्ध पार्क में हर हफ्ते यह मंडी लगती है। हाल ही में इंस्टाग्राम अकाउंट @fationatefoodbelly पर पोस्ट किए गए एक वीडियो ने इस परंपरा को चर्चा में ला दिया। वीडियो में दिखाया गया कि पार्क की दीवारों, तारों, और जमीन पर सैकड़ों बायोडेटा चिपकाए गए हैं। इन बायोडेटा में लड़के और लड़कियों की पूरी प्रोफाइल लिखी होती है। उनका नाम, उम्र, शिक्षा, नौकरी, वेतन, और यहां तक कि उनकी पसंद-नापसंद भी दी जाती है।
लोग इन प्रोफाइल्स को बड़े ध्यान से देखते हैं, जैसे वे किसी बाजार में सामान खरीदने आए हों। जो चीज इसे और भी ज्यादा अनोखा बनाती है, वह यह है कि यहां दूल्हा या दुल्हन की तलाश खुद अविवाहित युवा नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और रिश्तेदार करते हैं।
रिश्तों का बाजार- खरीदारी जैसा माहौल
इस मंडी में आने वाले माता-पिता का कहना है कि उनके बच्चों को अक्सर समय की कमी के कारण अपने लिए साथी खोजने का मौका नहीं मिलता। ऐसे में यह जगह उनकी परेशानी का समाधान बनती है। वे बायोडेटा पढ़ते हैं, जो ठीक किसी बाजार में लगी रेट लिस्ट जैसी लगती है।
कुछ बायोडेटा पर लड़के या लड़कियों की तस्वीरें भी होती हैं, लेकिन कई बार सिर्फ उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विवरण ही दिए जाते हैं। इसमें लिखा होता है कि वे किस प्रकार के जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं।
परंपरा और आधुनिकता का संगम
चीन में यह प्रथा पारंपरिक मूल्यों और आधुनिकता का अनोखा मेल है। हालांकि, यह बात भी चर्चा का विषय है कि क्या इस तरह की मंडी में रिश्तों को लेकर व्यापारिक नजरिया हावी होता है? कुछ लोग इसे अस्वीकृति की भावना के रूप में भी देखते हैं, जहां युवा अपनी पसंद के बजाय पारिवारिक दबाव में शादी करते हैं।
युवा क्या सोचते हैं?
शंघाई की इस शादी मंडी के बारे में युवा वर्ग की राय बंटी हुई है। कुछ इसे माता-पिता की देखभाल और उनकी सोच समझदारी का परिणाम मानते हैं, जबकि कई इसे दखलअंदाजी और स्वतंत्रता में बाधा मानते हैं।
सामाजिक मान्यताओं का बदलता रूप
भारत और चीन जैसे देशों में शादी केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। इसी सोच के चलते इस तरह की परंपराएं फल-फूल रही हैं। शादी की मंडी भले ही एक अनोखा तरीका हो, लेकिन यह रिश्तों को जोड़ने के पीछे की गंभीरता और परिवारों की भूमिका को दर्शाती है।
यह भी पढ़े: स्टोर से निकाले गए कर्मचारी ने रखी वॉलमार्ट की नींव, बना दुनिया का सबसे अमीर परिवार
इस अनूठी परंपरा के जरिए जहां माता-पिता अपने बच्चों के लिए बेहतरीन जीवनसाथी तलाशने की कोशिश करते हैं, वहीं यह सामाजिक मान्यताओं के बदलते रूप और परिवारों की प्राथमिकताओं का प्रतिबिंब भी है।