टोंक (चेतन वर्मा)। राजस्थान के टोंक जिले में एक सड़क दुर्घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब एक एसएचओ की कार ने बाइक सवार युवक को टक्कर मार दी, जिससे उसका पैर टूट गया। इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने एसएचओ के निलंबन की मांग की और थाने के सामने धरना लगा दिया। इस दौरान स्थिति और बिगड़ गई जब समझाने पहुंचे डीएसपी (DSP) की गाड़ी और थाने पर ग्रामीणों ने पथराव (Villagers pelted stones at DSP’s vehicle and police station) कर दिया गया। यह घटना देवली के नासिरदा गांव में रविवार सुबह की है, जिसके बाद कई थानों का पुलिस जाप्ता मौके पर तैनात किया गया है।
जानकारी के अनुसार, नासिरदा के निवासी रामप्रसाद (37) अपनी पत्नी काली देवी के साथ शनिवार रात 10 बजे बाइक से महादेवपुर ढाणी जा रहे थे। इस दौरान नव बालिका स्कूल के पास हिसामपुर की ओर से आई एक कार ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। कार नासिरदा थानाधिकारी अरविंद लक्षकार चला रहे थे, जिन्हें कथित रूप से नशे में बताया जा रहा है। आरोप है कि थानाधिकारी ने गलत साइड से आकर बाइक को टक्कर मारी और घटनास्थल से फरार हो गए। पीड़ित के परिजनों ने रामप्रसाद को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसके दाएं पैर में फैक्चर की पुष्टि हुई।

रात में थाने गए तो नहीं मिली सुनवाई
ग्रामीणों का आरोप है कि रात को जब वे थाने गए, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें भगा दिया और एसएचओ भी वहां नहीं मिले। घायल रामप्रसाद की पत्नी द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इस बात से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार सुबह थाने के सामने नासिरदा-देवली मार्ग को जाम कर दिया।

डीएसपी की गाड़ी पर पथराव, एसएचओ के निलंबन की मांग
जाम की सूचना मिलते ही देवली डीएसपी रामसिंह चौधरी मौके पर पहुंचे। इसी दौरान आक्रोशित लोगों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण एसएचओ के निलंबन की मांग पर अड़े रहे। लगभग 8 घंटे के बाद प्रशासन के साथ सहमति बनने पर धरना समाप्त हुआ। पुलिस ने नासिरदा थानाधिकारी की गाड़ी को जब्त कर लिया और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर मेडिकल करवाया गया। मामले की जांच की जा रही है।
थानाधिकारी के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
मालपुरा एएसपी रामकुमार कस्वां ने बताया कि नासिरदा थानाधिकारी किसी मामले में सबूत लेकर लौट रहे थे, तभी उनकी गाड़ी से एक बाइक सवार को टक्कर लग गई, जिससे उसका पैर फैक्चर हो गया। घटना के बाद थानाधिकारी ने घायल का मेडिकल करवाने के लिए पुलिसकर्मियों को भेजा, लेकिन घटनास्थल से चले जाने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
यह भी पढ़े : 18 साल बाद लापता हुई पहली पत्नी जीवित मिली, दूसरी ने 16 शृंगार देकर पति को भोजा अपना घर आश्रम
एसपी ने कहा कि इस घटना के संबंध में थानाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और ग्रामीणों को समझाकर धरना समाप्त करवाया गया। मामले की जांच कराई जा रही है, इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच दूसरे थानाधिकारी से कराई जाएगी।