कोटा । कोटा में सुपर थर्मर पॉवर प्लांट की चालू पांच यूनिट शुक्रवार सुबह अचानक ठप हो गई। जिसके चलते कोटा बूंदी समेत कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। जिसके चलते इमरजेंसी सेवाओं के कनेक्शन भी ठप हो गए। लोड डिस्पैच की सूचना समय पर नहीं मिलने से दो बड़े पावर प्लांट फेल हो गए, जिनमें कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट और रावतभाटा का परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Kota Super Thermal Power Plant and Nuclear Power Plant of Rawatbhata) शामिल है। इसके चलते विद्युत की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई और कोटा, बूंदी, बारां आदी जिलों में विद्युत सप्लाई बंद हो गई है। ऐसे में इन जिलों में शुक्रवार सुबह सवा 5 बजे से अंधेरा छा गया है।
कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर एके आर्य के अनुसार राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम (RETC) के लोड डिस्पैच सेंटर (Load Dispatch Center) ने जानकारी समय पर नहीं दी, चालू सभी यूनिट पूरी तरह से काम कर रही थी। इनके ग्रिड बंद थे, इसके चलते विद्युत आपूर्ति हमारे यहां से लगातार जा रही थी, लेकिन उसको रिसीव करने की व्यवस्था बाधित हो गई, जिसके चलते पावर प्लांट बंद हो गया। हम 5 यूनिट से उत्पादन कर रहे थे, जबकि दो यूनिट में मंटिनैंस चल रहा है और इसी तरह से रावतभाटा एटॉमिक स्टेशन में भी हुआ है। वहां भी यूनिट्स बंद हो गई है।
कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर एके आर्य ने बताया कि आरवीपीएनएल (RVVNL) ने ब्यावर, वाटिका और बूंदी के ग्रिड को मेंटेनेंस के लिए बंद किया था, लेकिन इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई। यह जानकारी लोड डिस्पैच के जरिए हमें दी जाती है, ऐसे में हमारे प्लांट लगातार उत्पादन कर रहे थे और अचानक से जब वहां पर पावर की डिमांड बंद हो गई, जिससे प्लांट शटडाउन हुए हैं। वह जल्द ही अपनी यूनिट्स को दोबारा रीस्टोर कर रहे हैं और उन्हें लाइट अप किया जा रहा है, जिससे आने वाले एक-दो घंटों में दोबारा उत्पादन होगा।
राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RETCL) के अधीक्षण अभियंता विजय जैमिनी ने कहा कि ग्रिड पर तकनीकी खराबी के चलते समस्या आई है, हम इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं। कोटा से कोई समस्या नहीं हुई है, इस दिक्कत से आम जनता को बचाने के लिए जल्द से जल्द सप्लाई को रिस्टोर करने में जुटे हुए हैं, जो जल्द ही सुचारू होने की संभावना हैं।
यह भी पढ़े: कोटा थर्मल सिस्टम अचानक फेल, कोटा, बूंदी सहित कई इलाको की बिजली गुल, स्टेप बाय स्टेप सप्लाई चालू
रावतभाटा एटॉमिक पावर स्टेशन (Rawatbhata Atomic Power Station) की क्षमता 1280 व कोटा थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 1240 वाट है, जबकि दोनों जगहों पर करीब 800-800 मेगावाट के आसपास विद्युत उत्पादन हो रहा था, ऐसे में दोनों मिलकर 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे थे। यह सप्लाई भी लोकल एरिया के आसपास आसपास के जिलों में की जा रही थी, रावतभाटा एटॉमिक पावर स्टेशन पर भी 6 में से चार यूनिट संचालित की जा रही थी, वहीं कोटा थर्मल पावर प्लांट की 7 में से 5 यूनिट से उत्पादन किया जा रहा था, एक यूनिट मेंटेनेंस और एक शटडाउन में थी।