पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए 8 फरवरी, 2024 को आम चुनाव होने हैं। सवेरा प्रकाश ने बुनेर जिले में पीके-25 की सामान्य सीट के लिए आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन पत्र जमा कर दिया (Savera Prakash officially submitted her nomination papers for PK-25 general seat in Buner district.) है। हिंदू समुदाय की सदस्य प्रकाश अपने पिता ओम प्रकाश के नक्शेकदम पर चलते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर आशावादी हैं। 35 वर्षीय प्रकाश के पिता ओम प्रकाश हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। वह एक डॉक्टर और पीपीपी के एक समर्पित सदस्य रहे हैं।
पेशे से डॉक्टर हैं प्रकाश
सोमवार को डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कौमी वतन पार्टी से जुड़े एक स्थानीय राजनेता सलीम खान ने बताया कि प्रकाश, बुनेर से सामान्य सीट पर आगामी चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने वाली पहली महिला हैं। एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक प्रकाश, बुनेर में पीपीपी महिला विंग के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। समुदाय के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, उन्होंने महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने, सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की वकालत करने की अपनी इच्छा जाहिर की।
वंचितों के लिए काम करने की इच्छा
डॉन को दिये इंटरव्यू में प्रकाश ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए क्षेत्र के वंचितों के लिए काम करने की अपनी आकांक्षाओं के बारे में बात की। उन्होंने 23 दिसंबर को अपना नामांकन पत्र जमा किया और उम्मीद जताई कि पीपीपी का वरिष्ठ नेतृत्व उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगा। उन्होंने विकास क्षेत्र में महिलाओं की ऐतिहासिक उपेक्षा और दमन पर भी जोर दिया और निर्वाचित होने पर उनका लक्ष्य इन मुद्दों को संबोधित करना है।
मानवता की सेवा करना मेरे खून में
चिकित्सा पृष्ठभूमि वाली प्रकाश ने इस बात पर जोर दिया कि मानवता की सेवा करना मेरे खून में है। निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना उनके मेडिकल करियर के दौरान सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और लाचारी के प्रत्यक्ष अनुभवों से उपजा है। बुनेर के एक सोशल मीडिया प्रभावशाली व्यक्ति इमरान नोशाद खान ने सवेरा प्रकाश की राजनीतिक संबद्धता के बावजूद, उनके प्रति अपना हार्दिक समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने पारंपरिक पितृसत्ता द्वारा कायम रूढ़िवादिता को तोड़ने के लिए उनकी सराहना की, और उस क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए एक महिला के आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया, जहां बुनेर का पाकिस्तान में विलय होने में 55 साल लग गए।
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बता दें कि डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) के हालिया संशोधनों में सामान्य सीटों पर पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को शामिल करना अनिवार्य है।