Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 132 सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर अपनी नेतृत्व भूमिका सुनिश्चित की है। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रमुखता से चर्चा में है। भाजपा के सहयोगी दलों, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
फडणवीस या शिंदे: सीएम पद का दावेदार कौन?
भाजपा के अंदर एक बड़ा वर्ग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत कर रहा है। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेता मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फिलहाल पद पर बनाए रखने के पक्ष में हैं।
भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि शिंदे को बदला गया तो यह सहयोगी दलों के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से मानना है कि बड़े दल होने के बावजूद भाजपा को अपने गठबंधन सहयोगियों का भरोसा बनाए रखना चाहिए।
भाजपा की जीत: एकनाथ शिंदे की भूमिका
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने 75 से अधिक रैलियां कीं और 57 सीटों पर जीत हासिल की, जो 2019 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन है। शिंदे सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं ने गठबंधन को जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।
एनसीपी और शिवसेना का रुख
एनसीपी के नेता अजीत पवार ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती है। शिवसेना ने भी उम्मीद जताई कि गठबंधन धर्म का पालन किया जाएगा और एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए रखा जाएगा।
देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया
Devendra Fadnavis ने कहा, “महायुति को जनता ने भारी जनादेश दिया है। मुख्यमंत्री पद और सरकार गठन से जुड़ा कोई भी निर्णय तीनों पार्टियां मिलकर करेंगी।”
चुनाव परिणाम और आगे की राह
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महाराष्ट्र की भूमिका महत्वपूर्ण है।”
भाजपा की ताकत और गठबंधन की रणनीति
भाजपा ने 130 सीटों से अधिक जीतकर सरकार बनाने की स्थिति स्पष्ट कर दी है। हालांकि, गठबंधन के सहयोगियों का सम्मान बनाए रखने की बात पर जोर दिया गया है।