कोटा। कोचिंग हब के रूप में पहचान रखने वाले कोटा शहर में बीते 24 घंटे में दो अलग-अलग घटनाओं में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली (Two students committed suicide), जिससे एक बार फिर से कोचिंग छात्रों की मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं। बुधवार को विज्ञान नगर इलाके में एक और छात्र ने अपनी जान दे दी (Another student committed suicide)। मृतक की पहचान मध्य प्रदेश के गुना निवासी (Guna resident of Madhya Pradesh) अभिषेक लोधा के रूप में हुई, जो जेईई एडवांस की तैयारी (JEE Advanced preparation) कर रहा था।
परिजनों की कॉल नहीं रिसीव करने पर हुआ शक
एडिशनल एसपी दिलीप सैनी के अनुसार, अभिषेक के परिवार वाले लगातार उसे कॉल कर रहे थे, लेकिन जब उसने फोन नहीं उठाया तो उन्हें अनहोनी का अंदेशा हुआ। परिजनों ने तुरंत पीजी संचालक को सूचना दी। जब संचालक ने कमरे में जाकर देखा, तो अभिषेक फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया।
एक दिन पहले हरियाणा के छात्र ने की थी आत्महत्या
इससे पहले मंगलवार को हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी नीरज (Neeraj, resident of Mahendragarh, Haryana) नामक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Student committed suicide by hanging) कर ली थी। नीरज राजीव गांधी नगर क्षेत्र में बने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। वह बीते डेढ़ साल से कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। बेटे की मौत की खबर सुनकर कोटा पहुंचे पिता बबलू प्रजापत ने आत्महत्या की आशंका पर सवाल खड़े किए हैं।
पिता का आरोप, बेटे ने आत्महत्या नहीं की, हो सकती है हत्या
नीरज के पिता ने आरोप लगाया कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि जिस कमरे में घटना हुई, वहां पंखे में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगा हुआ था, जिससे फांसी लगाना संभव नहीं है। इसके अलावा, कमरे में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। पिता ने कोटा पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बेटे से नियमित होती थी बातचीत
नीरज के पिता ने बताया कि वे बेटे से नियमित रूप से बातचीत करते थे। घटना से एक दिन पहले भी उनकी नीरज से बात हुई थी, जिसमें नीरज ने हरियाणा आकर प्रैक्टिकल देने की बात कही थी। पिता ने कहा कि बातचीत के दौरान नीरज सामान्य था और उसने किसी भी प्रकार की परेशानी जाहिर नहीं की थी।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
जवाहर नगर थाना अधिकारी बुधराम चौधरी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों को इकट्ठा कर लिया है और फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
कोटा में घट रही कोचिंग छात्रों की संख्या
कोटा में लगातार बढ़ते सुसाइड के मामलों के कारण यहां पढ़ने आने वाले छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है। जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी के मुताबिक, पहले जहां कोटा में दो से ढाई लाख कोचिंग छात्र होते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 85,000 से एक लाख के बीच रह गई है।
राजस्व में भी आई गिरावट
छात्रों की संख्या घटने से कोटा के राजस्व पर भी प्रभाव पड़ा है। 2023 में जहां कोटा का वार्षिक राजस्व 6,500 से 7,000 करोड़ रुपये था, वहीं 2024 में यह घटकर 3,500 करोड़ रुपये रह गया। प्रशासन द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं ताकि छात्रों की मानसिक स्थिति बेहतर हो और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
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सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती
कोटा में लगातार हो रही आत्महत्या की घटनाएं सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। छात्रों की मानसिक स्थिति सुधारने के लिए मनोवैज्ञानिकों की टीमें बनाई जा रही हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को भी छात्रों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव न बनाने की हिदायत दी है।