जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने युवा, महिला, किसान एवं गरीब के सर्वांगीण विकास को अपनी नीतियों का केंद्र बिंदु मानते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए नीतियों का निर्माण सुस्पष्ट, सुसंगत और नवाचारयुक्त होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नीतियों के समयबद्ध क्रियान्वयन पर विशेष बल देते हुए कहा कि इससे जनहित में त्वरित और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शर्मा ने लंबित नीतियों, योजनाओं और अधिनियमों की गहन समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 8 करोड़ प्रदेशवासियों के कल्याण और विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य नीतियों और योजनाओं के माध्यम से जनता को सुशासन देना है।
सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से राजस्थान सहकारिता अधिनियम-2025 लाने की घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अधिनियम में जवाबदेही सुनिश्चित करने वाले प्रावधान जोड़े जाएं। शर्मा ने बताया कि सहकारी क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं, और इस क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए वित्तीय संस्थानों की नियमित ऑडिट का प्रावधान भी अधिनियम में जोड़ा जाएगा।
उन्होंने गृह निर्माण सहकारी समितियों के पंजीकरण के लिए सुस्पष्ट प्रावधान बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन समितियों के सुचारू संचालन से आमजन को लाभ मिलेगा। उन्होंने सहकारी बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
रोजगारोन्मुखी होगी नई युवा नीति
युवाओं के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही नई युवा नीति लाने की घोषणा की। उन्होंने खेल एवं युवा मामलात विभाग को निर्देश दिए कि इस नीति में युवाओं की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने कहा कि खेल नीति में खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रोत्साहन देने और बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के प्रावधान किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए एक नोडल विभाग के निर्धारण के निर्देश भी दिए, ताकि प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया जा सके। उन्होंने खिलाड़ियों से संबंधित सभी रिकॉर्ड के व्यवस्थित संधारण की भी बात कही।
वैट और आबकारी कानून में नवाचार
मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रस्तावित वैट अधिनियम और आबकारी कानून में नवाचार के लिए अधिकारियों को अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कानूनों में प्रदेश की आवश्यकताओं के अनुसार नए प्रावधान जोड़े जाएं।
राज्य में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने स्टेट स्किल पॉलिसी में रोजगारोन्मुखी प्रावधान शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कौशल क्षमता का विकास युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक है। इसी क्रम में एग्रो प्रोसेसिंग नीति और लैंड एग्रीगेशन एवं मोनेटाइजेशन पॉलिसी पर भी चर्चा की गई।
विभिन्न नीतियों पर चर्चा और दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री ने राजस्थान कृषि विकास योजना, इंडस्ट्रियल पॉलिसी, गारमेंट एंड अपैरल पॉलिसी, राजस्थान वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक पॉलिसी, डाटा सेंटर पॉलिसी, नई पर्यटन नीति, ट्रांसफर ऑफ इंडस्ट्रियल लैंड्स वैलिडेशन एक्ट, और राजस्थान कोचिंग सेंटर कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इन नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जनहित को सर्वाेपरि रखने के निर्देश दिए।
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बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कुलदीप रांका, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव उद्योग अजिताभ शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।