हैदराबाद। जापानी ऑटो दिग्गज Nissan Motor Corp. की भारतीय ब्रांच Nissan India भारतीय बाजार में हरित वाहन तकनीक कोलेकर बड़े स्तर पर काम कर रही है। कंपनी हाइब्रिड और CNG कारों के साथ-साथ 2026 तक एक किफायती इलेक्ट्रिक वाहन (EV) भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। यह कदम Renault के साथ साझेदारी के तहत 2026 तक भारत में मिड-टर्म प्लान का हिस्सा है।
Nissan की इस योजना का मुख्य उद्देश्य CAFE (कॉर्पाेरेट औसत ईंधन दक्षता) उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करना है, जो 2027 से भारत में लागू होने वाले हैं। निसान के एएमआईईओ क्षेत्रों के उपाध्यक्ष फ्रैंक टोरेस ने बताया कि कंपनी हाइब्रिड और CNG जैसी कई तकनीकों का अध्ययन कर रही है, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता अलग-अलग तरह के समाधान की तलाश में हैं।
सस्ती इलेक्ट्रिक कार की ओर Nissan का कदम
निसान की आने वाली किफायती इलेक्ट्रिक कार कंपनी की रणनीति का अहम हिस्सा होगी, जो न सिर्फ नए उत्सर्जन मानकों को पूरा करेगी, बल्कि भारतीय बाजार में एक मजबूत पकड़ बनाने का प्रयास भी करेगी। टोरेस ने यह भी कहा कि भारत के स्वच्छ ईंधन की ओर परिवर्तन एक तकनीकों के संयोजन के साथ होगा, जिससे भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करेगा।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी शुरुआत
हालांकि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने पर जोर दे रही है, लेकिन शुरुआती उपभोक्ताओं की संख्या कम होने के कारण EV मार्केट में धीमी गति देखने को मिली है। टोरेस ने कहा कि फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक (EV) की बाजार हिस्सेदारी 2-2.5प्रतिशत के करीब है।
कंपनी का मानना है कि EV की मांग बढ़ने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे कार्बन उत्सर्जन के मानदंड सख्त होंगे, वैसे-वैसे इस क्षेत्र में तेजी आएगी। टोरेस के अनुसार, भारत में EV अपनाने की गति 2030 तक 25 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
2026 तक किफायती इलेक्ट्रिक कार
निसान की नई किफायती इलेक्ट्रिक कार को 2026 तक लॉन्च किया जाएगा, जिसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। टोरेस का कहना है कि यह कार एक कार, एक दुनिया मॉडल का अनुसरण करेगी, जिसका मतलब है कि इसे वैश्विक निर्यात के साथ भारत में भी बेचा जाएगा।
Nissan का लक्ष्य 2026 तक भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी को 3ः तक बढ़ाना है, जो वर्तमान बिक्री की तुलना में तीन गुना अधिक होगी। इसके लिए कंपनी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विस्तार करने के साथ निर्यात के अवसरों को भी बढ़ा रही है।
ठोस अवस्था बैटरियों पर फोकस
निसान यह सुनिश्चित करने के लिए नई बैटरी तकनीक, विशेष रूप से ठोस अवस्था बैटरियों पर काम कर रही है, जिससे इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के समान हो सकें।
700 मिलियन डॉलर का बड़ा निवेश
भारत के लिए निसान की महत्वाकांक्षी योजनाओं को Renault के साथ साझेदारी में 700 मिलियन डॉलर के निवेश का समर्थन प्राप्त है। इस निवेश का उद्देश्य छह नए मॉडल्स का विकास करना है, जिनमें से तीन निसान और तीन रेनॉल्ट द्वारा लॉन्च किए जाएंगे। चेन्नई स्थित संयंत्र में इन वाहनों का उत्पादन होगा।
Nissan ने इस योजना के तहत अपना पहला मॉडल नया मैग्नाइट लॉन्च किया है, जो भारतीय बाजार में कंपनी का मास-मार्केट उत्पाद है और इसे उपभोक्ताओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
भविष्य की ओर निसान का सफर
Nissan की भारत में यह रणनीति न केवल कंपनी को भारतीय बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगी, बल्कि देश को स्वच्छ और हरित वाहनों के क्षेत्र में आगे ले जाने में भी मदद करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में तेजी से काम कर रही निसान के साथ, भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर एक नई क्रांति की ओर बढ़ रहा है।
यह भी पढ़े : Kia EV9: नई 6-सीटर इलेक्ट्रिक SUV जो सिंगल चार्ज में कर सकती है दिल्ली से लखनऊ का सफर
Nissan की यह पहल भविष्य के स्वच्छ और सस्ती कारों के युग की शुरुआत करने वाली है। अब देखना होगा कि भारतीय उपभोक्ता इस नई हरित तकनीक को कितनी तेजी से अपनाते हैं।