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कुंभ मेला 2025: भारतीय रेलवे चलायेगी 900 विशेष ट्रेनें, हाई-टेक सुरक्षा और नए पुनर्विकसित स्टेशन

Kumbh Mela 2025: Indian Railways to run 900 special trains, hi-tech security and new redeveloped stations

नई दिल्ली: 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले के लिए भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देशभर से प्रयागराज के लिए 900 विशेष ट्रेनों का संचालन करने की योजना बनाई है। इस बार के महाकुंभ (Mahakumbh) में 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है, जो अगले साल मध्य जनवरी से फरवरी तक प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित होगा।

इस महाकुंभ को लेकर रेलवे की तैयारियां (Railway preparations) जोरों पर हैं। प्रयागराज रेलवे स्टेशन को “अमृत भारत स्टेशन योजना” (ABSS) के तहत पुनर्विकसित किया जा रहा है, जिसकी लागत 936.41 करोड़ आंकी गई है। यह स्टेशन न केवल आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा, बल्कि इसकी वास्तुकला भी देखने लायक होगी। यहां यात्रियों को एक सुशोभित मुखौटा, पुनर्निर्मित प्लेटफार्म, सुंदर परिदृश्य, छत पर प्लाजा, छोटे दुकानें, फूड कोर्ट और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र जैसी सुविधाएं मिलेंगी। क्षेत्रीय रेलवे ने मेला से पहले एक तरफ के भवन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जबकि पूरे स्टेशन के निर्माण को अगले एक से दो वर्षों में पूरा किया जाएगा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम और हाई-टेक निगरानी

इस बार सुरक्षा के मामले में रेलवे कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। रेलवे ट्रैक की चौकसी के लिए AI तकनीक से लैस CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जो किसी भी असामान्य गतिविधि का तुरंत पता लगा सकेंगे। इस कदम से असामाजिक तत्वों द्वारा ट्रैक को नुकसान पहुंचाने की संभावनाओं को न्यूनतम किया जा सकेगा।

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी जया वर्मा सिन्हा ने उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधकों और मंडलों के डीआरएम के साथ मिलकर कुंभ मेला की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि कुंभ मेले से पहले ढांचागत परियोजनाओं और क्षमता विस्तार की परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है।

प्रयागराज में महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व

कुंभ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन (Religious Event) है बल्कि यह सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है, जो दुनियाभर से संतों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। मकर संक्रांति के पहले स्नान पर्व पर, जो 15 जनवरी को होगा, संगम—जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं—पर श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। इस महाकुंभ मेले में हर छह वर्षों में कुंभ मेला और हर बारह वर्षों में महाकुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जो अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

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रेलवे की इन अभूतपूर्व तैयारियों के साथ, कुंभ मेला 2025 श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा और स्मरणीय अनुभव बनने जा रहा है।

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