बूंदी। नगर परिषद की गुरुवार को बजट बैठक हंगामेदार (Budget meeting uproar) रही यहां कांग्रेस और भाजपा पार्षदों ने वित्तीय अनियमितों और भ्रष्टाचार के वर्तमान बोर्ड पर जमकर आरोप लगाए। वार्डों की समस्याओं को लेकर भी पार्षदों ने नाराजगी जताई। इसी शोरगुल और हंगामें के बीच नगर परिषद बोर्ड द्वारा 177 करोड़ का अनुमानित बजट पारित (Amidst the uproar, the estimated budget of Rs 177 crore passed by the Municipal Council Board) कर दिया गया। शहर के कुंभा स्टेडियम स्थित अंबेडकर भवन में करीब साढे तीन बजे बैठक की शुरुआत हुई जो 5ः05 तक चली। बैठक में बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, कार्यवाहक आयुक्त राकेश कुमार मीणा, सभापति मधु नुवाल, अधिशासी अधिकारी अरुणेश शर्मा सहित 60 पार्षदों वाली परिषद के 53 पार्षद बैठक में शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश माधवानी ने नगर परिषद की आय और व्यय को लेकर प्रस्तावित बजट पर सवाल खड़े किए (Questions were raised on the proposed budget regarding income and expenditure)। उन्होंने नगर परिषद को कर्जे में डुबोने का आरोप भी वर्तमान बोर्ड पर लगाया। साथ ही कृषि भूमि पर कटी वैध कॉलोनी पर विकास कार्य नही करवाने के आरोप लगाते हुए कहा कि जो अवैध कालोनियां है उनमें विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। माधवानी करीब आधे घंटे तक बोलते रहे जिस पर पार्षदों ने नाराजगी जताई। पार्षद मोइनुद्दीन फॉरवर्ड ने माधवानी के द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि ये जो कह रहे हैं वह सही है लेकिन कृषि कॉलोनी के पट्टों को लेकर जो आरोप लगाए हैं वह बुनियाद है, इससे में सहमत नहीं हूं।
पट्टे क्यों नहीं बन रहे हैं- लोकेश ठाकुर
कांग्रेस पार्षद लोकेश ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने प्रशासन शहरों एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान चला कर पट्टे जारी करने का जन हितेशी काम किया था जिससे लोगों को काफी राहत भी मिली, लेकिन आचार संहिता के चलते पट्टे बनाने का काम बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि पट्टे बनाने का काम जनहित का है जो जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य निकायों में पट्टे बनाने का काम जारी है तो फिर बूंदी नगर परिषद में पट्टे क्यों नहीं बन रहे हैं (Why are leases not being made?), निर्माण स्वीकृतिया क्यों नहीं दी जा रही है। ठाकूर कहा कि पट्टे बनाने से नगर परिषद को आय भी होगी। पार्षद रवि शंकर शर्मा ने मुर्दा मवेशी और सफाई व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी।
पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन ने पट्टा संख्या 1478 की फाइल नगर परिषद से गायब (Patta number 1478 file missing from city council) होने व परिषद के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने और सूचना के अधिकार के तहत जवाब नहीं देने के आरोप लगाए। प्रेम शंकर ने कहा कि पट्टा और नाम परिवर्तन, निर्माण स्वीकृति नहीं मिल रही है। भाजपा पार्षद रणजीत नायक ने विधायक हरिमोहन शर्मा से प्रत्येक वार्ड के लिए पांच पांच लाख रुपए विकास कार्य के लिए देने की अनुशंसा करने की मांग की। पार्षद ममता शर्मा ने नैनवा रोड़ पर हो रहे अतिक्रमणों को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभापति आयुक्त सहित सभी को कहने के बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे हैं।
उपसभापति का दर्द भी आया सामने
उपसभापति लटूर भाई ने अपने वार्ड की गंदगी के फोटो सदन को दिखाते हुए कहा कि यह मेरे वार्ड की हालत है, ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा! कई बार पार्षद बना हूं कई सभापति और आयुक्त देखे हैं लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ाई हुई है। उन्होने विकास कार्यो पर प्रषंशा व्यक्त की हैं।
पार्षद टीकम जैन ने कहा कि नाली पटान और सफाई जैसी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान तो होता रहेगा, बोर्ड की बैठक में विकास के मुद्दों को लेकर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर बूंदी के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट पास करें जिससे यहां का विकास दिख सके। पार्षद रामराज अजमेर ने 3 साल में 5-5 एलईडी लाइट देने की व्यवस्था पर सवाल उठाए। साथ ही अप्रूव्ड कॉलोनी में जनसुविधाएं नहीं देने का आरोप भी लगाया।
पार्षद देवराज गोचर ने अडानी जमीन घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप जड़े
कांग्रेस के ही पार्षद देवराज गोचर ने सभापति को की ओर इशारा करते हुए कहा कि बूंदी की बेटी और बूंदी की बहू होने के नातें शहरवासियों को विकास की काफी उम्मीदें थी, लेकिन शहर में विकास के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। 110 करोड़ के सिवरेज के काम में 60 प्रतिशत तक भ्रष्टाचार करने, सत्ता और विपक्ष मिलकर 70-30 के रेशों में कमीशन की बंदर बांट करने का आरोप लगाया। कहा कमीशन तक तो ठीक था लेकिन अब तो ठेकेदारों के पार्टनर भी बन गए हैं। तिरंगा लाइटों में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। तीज मेला बूंदी का गौरव ह,ै उसे भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। सपना चौधरी को नचाने से अच्छा शहर में लाइटे लगवा दी होती, सपना चौधरी को नाचने के लिए दिए गए पैसे से अगर विकास कार्य करवाए जाते तो शहर की दुर्दशा में सुधार होता।

राहुल गांधी हम शर्मिंदा है, बूंदी में अडानी के दलाल जिंदा है
इस बीच देवराज गोचर और अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने राहुल गांधी हम शर्मिंदा है, बूंदी में अडानी के दलाल जिंदा है, लिखे बैनर का प्रदर्शन कर भ्रष्टाचार के आरोप लिखे पंपलेट हवा में उड़ायें। पार्षद गोचर ने कहा कि राहुल गांधी अडानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं (Rahul Gandhi is fighting against Adani and corruption)और बूंदी नगर परिषद ने अडानी को 60-70 करोड़ की जमीन मात्र 8 करोड रुपए में दे दी। उन्होंने कहा कि यह घोटाला नहीं है तो क्या है! उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर भी मिली भगत के आरोप लगाए तथा विधायक सभापति और आयुक्त से अडानी के घोटाले पर जवाब देने के लिए कहा।
विधायक ने कहा विकास की सौंच होनी चाहिए
विधायक हरिमोहन शर्मा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह शहर हमारा है और हम सब यहां के निवासी हैं, राजनीति से उपर उठकर हमें यहां के विकास की हमारी सौच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो- ढाई लाख रुपये वार्डों में देने से विकास नहीं दिखेगा, विकास के लिए हम सब मिलकर आपस में चर्चा करके शहर में कोई बड़ा प्रोजेक्ट लाते हैं जिसमें मैं अपने विधायक कोष से एक करोड रुपए दे दूंगा। उन्होंने देवराज गोचर के सवाल पर कहा कि वैसे तो इस बात का जवाब सभापति को देना चाहिए, लेकिन जब मुझसे पूछ रहे हो तो मेरा कहना है कि आप लोगों ने एसीबी में शिकायत दे दी है, मामला दर्ज हो चुका है तो एसीबी की जांच का हमें इंतजार करना चाहिए। इसी शोर शोरगुल और हंगामा के बीच सभापति मधु नुवाल ने 177 करोड़ के अनुमानित बजट को पास करके प्रस्ताव राज्य सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इस दौरान नगर परिषद के पार्षद और कर्मचारी मौजूद थे।
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अंबेडकर भवन से ट्यूब लाइट, पंखे चोरी
वहीं, बैठक में नेता प्रतिपक्ष माधवानी ने सदन का ध्यान आकर्षित किया कि जिस अंबेडकर भवन में बोर्ड बैठक चल रही है उसकी सभी ट्यूबलाइटे, पंखे सभी पॉइंट बोर्ड और यहां तक की वायर भी लोग चुरा कर ले गए हैं और नगर परिषद प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है इससे बड़ी दुर्दशा की क्या बात होगी, जो हम अपनी चीजों की ही सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं।