राजस्थान में आगामी दिनो में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। इसी सिलसिले में रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर बीजेपी कोर कमेटी (BJP Core Committee) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने टिकट वितरण पर चर्चा की और जोर दिया कि चुनाव में जातिगत राजनीति के बजाय विकासवाद (Evolution) के मुद्दे पर जनता के बीच जाना चाहिए।
महामंथन में शामिल प्रमुख नेता
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, सह प्रभारी विजया राहटकर, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद भागीरथ चौधरी, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और रक्षा भंडारी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।
कांग्रेस की 4 सीटें खाली, बीजेपी की 1
राजस्थान में सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By-Election) में चार सीटें कांग्रेस के कब्जे में थीं, जबकि एक सीट बीजेपी के पास थी। शेष दो सीटें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के पास थीं। सांसद चुने जाने के बाद, टोंक, दौसा, झुंझुनूं, नागौर, और बांसवाड़ा-डूंगरपुर की सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा, सलूंबर और रामगढ़ के विधायकों के निधन के बाद ये सीटें भी खाली हो चुकी हैं।
दिल्ली में भी मंथन, उपचुनाव की तैयारी तेज
इस बीच, राजस्थान के उपचुनावों की तैयारियों के मद्देनजर दिल्ली में भी भाजपा का कोर ग्रुप एक महत्वपूर्ण बैठक (An important meeting of BJP’s core group in Delhi also) करेगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ यह बैठक हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी सूरत से दिल्ली पहुंचकर शामिल होंगे। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुनराम मेघवाल जैसे वरिष्ठ नेता भी भाग लेंगे।
टिकट वितरण और रणनीति पर विचार-विमर्श
दिल्ली में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में, उपचुनावों के लिए प्रत्याशियों के चयन (Selection of candidates), चुनावी रणनीति और प्रचार की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी। पार्टी का ध्यान इस बात पर है कि जातिगत समीकरणों के बजाय विकास की राजनीति पर जोर दिया जाए, ताकि जनता को लुभाया जा सके।
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उपचुनाव की महत्ता और BJP की रणनीति
राजस्थान में आगामी उपचुनाव सिर्फ सीटों की संख्या के लिए नहीं, बल्कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई भी हैं। बीजेपी की कोशिश है कि इन सीटों पर मजबूत प्रदर्शन करके राज्य की राजनीति में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ किया जाए। आगामी बैठकें और प्रत्याशियों का चयन बीजेपी की चुनावी सफलता में अहम भूमिका निभाएगा।