राजस्थान के डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाने से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। राजस्थान-गुजरात सीमा पर स्थित इस थाने से जब्त की गई गाड़ियां चोरी (Stolen vehicles seized from the police station) हो गई हैं। पुलिस थाने में न केवल गाड़ियां बल्कि अन्य जब्त सामग्री भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इस थाने में मालखाने की सुविधा नहीं है। सीमावर्ती इलाका होने की वजह से इस क्षेत्र में शराब की तस्करी अधिक होती है, जिसके चलते जब्त वाहनों और अन्य सामग्री का स्टॉक थाने में जमा होता रहता है।
थाने में जगह की कमी, चोरों के लिए मौका
बिछीवाड़ा थाने में इतनी जगह नहीं है कि जब्त की गई सामग्री और वाहनों को सुरक्षित रखा जा सके। नतीजन, वाहन और अन्य सामग्री खुल्ले में रखनी पड़ती है, जो चोरों के लिए एक सुनहरा अवसर बन जाता है। थाने के पास पिछले 5 वर्षों से जमीन आवंटन लंबित है, क्योंकि राजस्व विभाग और पुलिस के बीच खींचतान (Revenue department and police dispute) चल रही है। इस वजह से थाने की 50 साल पुरानी जमीन पर ही अब तक कार्य हो रहा है।
व्यापारी ने लगाया थाने से कार गायब होने का आरोप
इस थाने से एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें उदयपुर के एक व्यापारी नरेंद्र कुमार भेरविया ने आरोप लगाया है कि उनकी कार, जिसे 2019 में एक दुर्घटना के बाद जब्त किया गया था, अब थाने से गायब (Vehicle stolen from police station) हो गई है। व्यापारी का कहना है कि दुर्घटना के बाद पुलिस ने उनकी कार को बिछीवाड़ा थाने में जब्त कर रखा था। अब वे पिछले 5 सालों से अपनी कार की मांग कर रहे हैं, लेकिन थाने के पास कार का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
पुलिस अधिकारियों की सफाई
डूंगरपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि दुर्घटना से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड थाने में उपलब्ध नहीं है। कार को मालखाने में जमा किया गया था, लेकिन अब वह गायब हो गई है।
तत्कालीन जांच अधिकारी का बयान
तत्कालीन जांच अधिकारी अंसार अहमद ने कहा कि दुर्घटना के बाद कार को थाने के मालखाने (Malkhana) में जमा कराया गया था और इसकी सुपुर्दगी ऑन रिकॉर्ड दर्ज थी। लेकिन मालखाने के रिकॉर्ड में हेरफेर होने के कारण अब उस कार से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
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थाने की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने बिछीवाड़ा थाने की सुरक्षा और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मालखाना की कमी और रिकॉर्ड में हेरफेर के कारण चोरी की यह घटनाएं अब पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। थाने में जब्त सामग्री और वाहनों की सुरक्षा के लिए अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।