Attention: राजस्थान में नकली सरसों के बीजों की धांधली ने व्यापारियों और उपभोक्ताओं को मुश्किल में डाल दिया है। हाल ही में सीकर में एक व्यापारी को 24 टन नकली सरसों बेचकर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
सीकर में नकली सरसों से व्यापारी को लगा लाखों का चूना
सीकर के धोद क्षेत्र के व्यापारी मनोज ने जयपुर के विशाल शर्मा से 24 टन सरसों खरीदी थी, जिसकी कीमत 15 लाख रुपए थी। जांच में पता चला कि यह सरसों नकली है। व्यापारी ने इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामले की जांच चल रही है। हालांकि, विशाल ने चार लाख रुपए वापस कर दिए, लेकिन बाकी की रकम नहीं लौटाई, जिससे मनोज को बड़ा नुकसान हुआ।
कैसे होती है नकली सरसों की पहचान?
नकली सरसों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसे मिट्टी और सीमेंट के दानों पर पॉलिश करके असली जैसा बनाया जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, नकली सरसों को पानी में डालने पर यह आसानी से घुल जाती है, जबकि असली सरसों ऐसा नहीं करती। साथ ही नकली सरसों में तेल की मिलावट होती है, जिसमें 42-43ः तक तेल की मात्रा पाई जाती है। लैब में जांच के दौरान यह मिलावट पकड़ में नहीं आती, जिससे ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
नकली सरसों से कैसे बचें?
वाटर टेस्ट– नकली सरसों को पानी में डालें। अगर वह पानी में घुलने लगे तो समझ लें कि यह नकली है।
तेल का प्रतिशत– असली सरसों में तेल की मात्रा अधिक होती है। नकली सरसों में यह मात्रा कम या मिश्रित होती है।
फिजिकल चेक- सरसों के दानों की चमक और पॉलिश को ध्यान से देखें। अगर दाने ज्यादा चमकदार लगते हैं, तो संभावना है कि वे नकली हो सकते हैं।
राजस्थान में नकली सरसों की बिक्री
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में नकली सरसों का फैलाव तेजी से हो रहा है, विशेषकर भरतपुर के वैर और डीग की मंडियों में नकली सरसों की बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही है। श्रीगंगानगर और जयपुर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नकली सरसों की खेप जब्त की गई थी। नकली सरसों का यह कारोबार न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
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नकली सरसों की जांच और प्रशासन की कार्रवाई
राजस्थान पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। नकली सरसों की मिलावट का यह खेल तेजी से फैल रहा है, जिससे सरकार और प्रशासन के लिए इसे रोकना जरूरी हो गया है। मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।