बूंदी। बाईपास नेशनल हाईवे पर रविवार सुबह करीब 8ः30 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब बाइक पर जा रहे दो मेडिकल स्टूडेंट्स को रोडवेज बस ने कुचल दिया (Two medical students crushed by roadways bus)। इस हादसे में एक स्टूडेंट की जान चली गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया (Students protested by sitting on the road) और अपनी मांगें रखीं।
दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था मृतक स्टूडेंट्स
लोमश जांगिड़ (21), जो मेडिकल कॉलेज का एमबीबीएस फर्स्ट ईयर स्टूडेंट था, किसी काम से जयपुर जा रहा था। कॉलेज के बाहर बस स्टॉप न होने के कारण वह अपने साथी स्टूडेन्ट अलवीश गौरी के साथ बाइक पर बूंदी जा रहा था, ताकि वह जयपुर की बस पकड़ सके। रास्ते में नवलसागर पार्क के पास पीछे से आ रही रोडवेज बस ने उनकी बाइक को टक्कर मारी, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
साथी स्टूडेंट्स ने पहुंचाया अस्पताल
दीपक और विक्रम, जो कॉलेज के अन्य स्टूडेंट्स थे, मौके पर पहुंचे और घायल स्टूडेंट्स को बाइक पर बैठाकर जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर्स ने लोमश को मृत घोषित कर दिया, जबकि गंभीर रूप से घायल बूंदी का छोटा बाजार निवासी अलवीश गोरी का इलाज जारी है। सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में रखवा दिया।
कॉलेज प्रशासन पर आरोप
मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। उनका कहना था कि अगर मेडिकल वैन और कॉलेज के बाहर बस स्टॉप की सुविधा उपलब्ध होती, तो यह घटना टल सकती थी। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रशासन की अनदेखी का आरोप लगाया। स्टूडेंट्स ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज के वार्डन उन्हें बेवजह परेशान करते हैं और इस पर भी कार्रवाई की मांग की।
सड़क जामकर किया विरोध प्रदर्शन
हादसे के बाद, मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जिला अस्पताल के सामने सड़क पर जाम लगा दिया और 10ः30 बजे से 3ः30 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया। उनका मुख्य मांग थी कि जिला कलेक्टर मौके पर आए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। जब प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, तो स्टूडेंट्स ने सड़क पर बैठकर विरोध किया और अपनी समस्याओं का समाधान मांगने लगे। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बूंदी जिला अस्पताल के डॉक्टरों का भी साथ मिल गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर, रेजिडेन्टस, और नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पहुंचे और उनसे बात की।
मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग
प्रदर्शन कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स ने मृतक लोमश के परिवार के लिए 5 करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज से बूंदी आने-जाने के लिए बस की कोई व्यवस्था नहीं है, बावजूद इसके कि कॉलेज प्रशासन से कई बार शिकायत की गई थी।
प्रशासन से बातचीत के बाद बनी सहमति
दोपहर 3ः30 बजे, एसडीएम एचडी सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद स्टूडेंट्स के साथ कुछ मांगों पर सहमति बन गई। प्रशासन ने कॉलेज तक जाने के लिए सर्विस रोड व एक नया बस स्टॉप बनाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने और कॉलेज प्रशासन द्वारा की गई लापरवाही की जांच करने की बात भी कही गई। मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी पर आरोपों की जांच के लिए स्टेट लेवल कमेटी गठित की जाएगी।
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धरना समाप्त और प्रशासन से समझौता
मेडिकल स्टूडेंट्स ने प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद धरना खत्म कर दिया। प्रशासन ने इन मुद्दों को गंभीरता से लिया और वादा किया कि इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा। छात्रों ने इस घटनाक्रम के बाद अपनी आवाज उठाई और व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई।