सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले के पिंडवाड़ा स्टेशन पर 21 जनवरी को एक तीन महीने के बच्चे को छोड़ दिया गया। यह बच्चा धीरे-धीरे सुर्खियों में आ गया, जब 70 से अधिक दंपतियों ने दावा किया कि वह बच्चा उनका है (More than 70 couples claimed that the child was theirs)। हालांकि, बाल कल्याण समिति ने इन सभी दावों को नकारा कर दिया। इस घटना के बाद रेलवे पुलिस ने बच्चे के असली माता-पिता को ढूंढने का दावा किया है और इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
बच्चे को लेकर 70 से अधिक दंपतियों का दावा
पिंडवाड़ा स्टेशन पर बच्चे के मिलने के बाद, कई दंपतियों ने इस बच्चे को अपना बताया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कम से कम 20 दंपतियों ने पहले दावा किया कि वह बच्चे के असली माता-पिता हैं, जबकि बाकी 50 दंपति भी इस बच्चे को अपनाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में बच्चे को चर्चा में ला दिया था और सभी की नजरें इस पर टिकी थीं।
लेटर में मां ने लिखा, बच्चा छोड़ने की वजह
बच्चे के साथ एक पत्र भी मिला, जिसमें राधिका नाम की महिला ने लिखा था कि उसने भाग कर शादी की थी और अब उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। महिला ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि वह गंभीर बीमारी से जूझ रही है और अपनी स्थिति के कारण अपने बच्चे की परवरिश करने में सक्षम नहीं है। उसने बच्चे को स्टेशन पर छोड़ने का निर्णय लिया था और यह भी उल्लेख किया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते वह अब आत्महत्या करने का विचार कर रही है।
महिला की मानसिक स्थिति पर संदेह
इस पत्र ने मामले को और जटिल बना दिया, क्योंकि इसमें महिला ने अपनी मानसिक स्थिति को लेकर गंभीर बातें लिखी थीं। इसने आशंका जताई कि महिला की मानसिक स्थिति स्थिर नहीं थी और शायद उसने यह कदम मानसिक दबाव या बीमारी के चलते उठाया था। पुलिस और बाल कल्याण समिति ने अब इस मामले की गहरी जांच शुरू कर दी है और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
कर्ज में डूबे दंपति का कृत्य
पुलिस के अनुसार, बच्चे के असली माता-पिता कर्ज में डूबे हुए थे और आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने इस रास्ते को अपनाया था। पुलिस का दावा है कि इस कदम को पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से उठाया गया था, जैसा कि आमतौर पर टीवी सीरियल्स जैसे क्राइम पेट्रोल में दिखाया जाता है। बच्चे को छोड़ने के पीछे की वजहों में से एक यह भी है कि माता-पिता अपनी स्थिति से बाहर निकलने के लिए एक जटिल योजना पर विश्वास कर बैठे थे।
बाल कल्याण समिति से मिली बच्चे की सुरक्षा
बाल कल्याण समिति ने बच्चे के मामले को गंभीरता से लिया है और उसके जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। समिति का कहना है कि किसी भी दावे पर अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, और वे बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाए रखने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
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पुलिस की जांच के बाद ही होगा स्पष्ट
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और बच्चे के असली माता-पिता की तलाश में जुटी है। जांच के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि महिला के द्वारा छोड़ा गया बच्चा सही में उनका था या नहीं, और क्या महिला ने अपनी मानसिक स्थिति के कारण यह कदम उठाया। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला केवल एक बच्चे के लिए नहीं, बल्कि एक मां की मानसिक स्थिति और एक परिवार के टूटने के कारण उठाए गए फैसलों का भी है।