जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनावों के बाद संगठन के पुनर्गठन और सक्रिय कार्यकर्ताओं को उचित स्थान देने की योजना पर काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने चुनावी समय में नियुक्त किए गए पदाधिकारियों को मुख्य कार्यकारिणी में शामिल करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन पदाधिकारियों को पहले फील्ड में उतारकर पार्टी की गतिविधियों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके बाद उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन का निर्णय लिया जाएगा।
चुनावी समय में हुई नियुक्तियों का भविष्य
चुनावों के दौरान पीसीसी ने बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया था। हालांकि, इन नियुक्तियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस वजह से पीसीसी के आधिकारिक रिकॉर्ड में इन पदाधिकारियों के नाम दर्ज नहीं हो सके। लेकिन इनमें से अधिकांश पदाधिकारी पार्टी के लिए लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
अब पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने इन पदाधिकारियों को संगठन में मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका मानना है कि ये कार्यकर्ता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें उचित स्थान दिया जाना चाहिए। इसी कड़ी में इन पदाधिकारियों को पीसीसी की आधिकारिक कार्यकारिणी में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।
बैठकों का आयोजन
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी ने 16 और 17 दिसंबर को पीसीसी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। 16 दिसंबर को पहली बैठक में पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के कार्यकाल में नियुक्त करीब 104 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। 17 दिसंबर को दूसरी बैठक में उन 150 पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिन्हें विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के निर्देश पर नियुक्त किया गया था। इन बैठकों का उद्देश्य संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं को शामिल करना और उनकी भूमिकाओं को स्पष्ट करना है।
फील्ड में जिम्मेदारी के बाद मिलेगा प्रमोशन
पदाधिकारियों को फील्ड में पार्टी गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके तहत इन्हें संभाग और जिला प्रभारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इनकी प्राथमिक भूमिका पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित करना होगी। फील्ड में प्रदर्शन के आधार पर उनकी योग्यता और समर्पण का मूल्यांकन किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को पीसीसी की कार्यकारिणी में प्रमोशन दिया जाएगा।
कांग्रेस के संगठनात्मक सुधारों की पहल
चुनावों के दौरान संगठन में हुए बदलावों को पार्टी ने नए सिरे से व्यवस्थित करने का निर्णय लिया है। एआईसीसी संगठन महासचिव से मंजूरी न मिलने के बावजूद इन नियुक्तियों को पीसीसी में मर्ज करने का प्रयास यह दिखाता है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को पहचान देने के प्रति गंभीर है। इससे पार्टी में अनुशासन और जिम्मेदारी का भाव मजबूत होगा।
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गोविंद डोटासरा की यह पहल कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इस प्रक्रिया से न केवल पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी, बल्कि कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। कांग्रेस का यह प्रयास अगले चुनावों में पार्टी को बेहतर स्थिति में ला सकता है।