राजस्थान के फलोदी से एक चौंकाने वाले मामले में, बाप कस्बे के 6 डाक कर्मियों ने डाक वितरण की अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर सैकड़ों महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया। इन अधजले दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, जॉइनिंग लेटर, चेकबुक और एटीएम कार्ड जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण कागजात शामिल है। इस चौंकाने वाले खुलासे ने पूरे क्षेत्र को हरकत में दिया है, जहां बेरोजगार युवा अपने जॉइनिंग लेटर और अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें इन डाक कर्मियों ने उन तक नहीं पहुंचाया।
डाक जलाने की साजिश का खुलासा
इस मामले का पर्दाफाश मंगलवार को उस वक्त हुआ, जब मंडल जैसलमेर डाक अधीक्षक सतनाम सिंह और फलोदी डाक निरीक्षक गुणाकर सदाशिव ने बाप डाकघर का औचक निरीक्षण (Surprise inspection of father post office) किया। लंबे समय से डाक वितरण नहीं होने (mail not delivered) की शिकायतें मिल रही थीं, जिससे अधिकारियों को शक हुआ। जब उन्होंने डाककर्मियों के आवास का निरीक्षण किया तो वह वहां के हालात देखकर दंग रह गये। सैकड़ों डाक अधजली अवस्था में मिलीं (The mail was found in a half-burnt state), और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज राख बन चुके थे।
कचरे के ढेर में मिली अधजली डाक
निरीक्षण के दौरान डाककर्मियों के आवासों पर पुराने और अप्राप्त डाक के ढेर पाए गए। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेकबुक, एटीएम कार्ड, और सरकारी कार्यालयों से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज (Aadhar Card, PAN Card, Chequebook, ATM Card, and many important documents related to government offices) शामिल थे। कुछ दस्तावेजों को जलाने के स्पष्ट प्रमाण मिले। डाक अधीक्षक ने बताया कि भोजो की बाप जाने वाली सड़क पर झाड़ियों के बीच स्थित एक किराए के मकान में मंडोर डाककर्मी कपिल (पलवल हिसार निवासी), बाप उपडाकघर में कार्यरत पारस (रेवाड़ी निवासी), महादेवपुरा डाककर्मी अंकित पाल (कैथल निवासी), सिहड़ा डाककर्मी अजय, बडीसिड्डू के डाककर्मी विनोद और केशरपुरा के डाककर्मी जगमेर रह रहे थे।
इनके आवास पर जांच करने पर डाक का डेर पाया गया, जिनमें से कई दस्तावेज अधजले अवस्था में मिले। यहां तक कि बाहर राख का ढेर भी पाया गया, जिससे स्पष्ट हुआ कि डाक को जलाया गया था। लगातार शिकायतें मिलने के बाद जब अधीक्षक और निरीक्षक (Superintendent and Inspector) डाककर्मियों के आवास पर पहुंचे, तब यह बड़ा खुलासा हुआ।
सख्त पूछताछ से हुआ खुलासा
सिंह ने बताया कि बाप उप डाकघर से बाप में रहने वाले कार्मिकों के आवास का पता लगाने के बाद डाक घर से ही एक डाक वितरण कर्मी के साथ उनके आवास पहुंचे। पीछे से इन लोगों को मोबाइल पर सूचना देने के कारण वहां कोई नहीं मिला। निरीक्षण के दौरान, एक डाककर्मी अजय को छत पर सोते हुए पाया गया। पीछे से इन लोगों को मोबाइल पर सूचना देने के कारण वहां कोई नहीं मिला। डाककर्मी अजय से सख्त पूछताछ की तो उसने दूसरों को कॉल कर बुलाया। इसमें दो को छोड़ बाकी तीन अन्य वहां पहुंच गए। सख्त पूछताछ के बाद पता चला कि ये सभी डाक वितरण नहीं करने और दस्तावेजों को जलाने के आरोपी थे।
डाक अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि बाप कस्बे और इसके आसपास के गांवों में डाक वितरण न होने की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। जांच के बाद यह साफ हुआ कि इन डाककर्मियों ने सैकड़ों लोगों की महत्वपूर्ण डाक को जला दिया (Burned important mail) था, जिनमें जॉइनिंग लेटर और सरकारी दस्तावेज (Joining letter and government documents) शामिल थे।
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डाक अधीक्षक ने बताया कि अब तक जो भी डाक सही अवस्था में मिली है, उसे जब्त कर लिया गया है और उसकी छंटनी की जा रही है। सूचीबद्ध करने के बाद उन दस्तावेजों को सही पते पर भेजा जाएगा ताकि जिन लोगों की डाक खो गई थी, उन्हें वह मिल सके। फिलहाल, सभी 6 डाककर्मियों को कार्यमुक्त कर दिया (6 postal workers relieved) गया है और उनके खिलाफ नियमानुसार विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। अगर जांच में दोष सिद्ध होता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।