बूंदी। सदर थाना पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अंतरराज्यीय बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की गई 23 मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। यह कार्रवाई काबिल-ए-तारीफ है, जिसमें कांस्टेबल नेतराम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि हाल ही में तीज के मेले और शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार मोटरसाइकिल चोरी की घटनाएं सामने आ रही थीं। इन घटनाओं के चलते अब तक 15 से अधिक मामले दर्ज हो चुके थे। पुलिस ने इन चोरियों को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम का गठन किया और आधुनिक तकनीकी साक्ष्यों का सहारा लेते हुए हाईवे और शहर के 50 से अधिक स्थानों पर जांच की। आखिरकार पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
अपराधियों के खिलाफ पुलिस की ठोस रणनीति
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा और वृताधिकारी अमर सिंह के सुपरविजन में थानाधिकारी भगवान सहाय के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम में शिवराज सिंह सउनि, ज्ञानेन्द्र सिंह सउनि, जय सिंह सउनि, कानि. नेतराम, हनुमान और गजेंद्र को शामिल किया गया।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय से रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की। इस दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने कई मोटरसाइकिलों को कोटा और बूंदी जिलों के अलग-अलग इलाकों से चोरी किया था।
इन्हे किया वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार
पुलिस ने अभिषेक पुत्र विरेन्द्र खटीक (22) निवासी माटुन्दा बूंदी, विशाल पुत्र धनराज नाई (20) निवासी एसटीसी रोड बूंदी, सोनू पुत्र रोशनसिंह बजांरा (19) निवासी करणीनगर कोटा, आशिक पुत्र घासी खां उर्फ लुकमान शाह (28) निवासी करणीनगर कोटा, मुराद अली पुत्र घासी खां (30) निवासी करणीनगर कोटा, सगीर उर्फ चिंटू पुत्र धनराज मेघवाल (19) निवासी माता जी के मंदिर के पास कोटा को गिरफतार किया है। आरोपियों से बरामद 23 मोटरसाइकिलों को पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से संबंधित रिकॉर्ड के आधार पर जब्त किया है और उन पर विस्तृत अनुसंधान किया जा रहा है।
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पुलिस की यह कार्रवाई साबित हुई सफल
इस बड़ी कार्रवाई से पुलिस ने न सिर्फ मोटरसाइकिल चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाया है, बल्कि इससे आम जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना को भी मजबूती मिली है। यह सफलता पुलिस टीम के आपसी समन्वय और ठोस रणनीति का नतीजा है। यह साबित करता है कि तकनीक और जमीनी स्तर पर की गई कड़ी मेहनत से अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।