जयपुर। जिलों के प्रभारी सचिवों को कलेक्टर्स और जिलों में फील्ड के अन्य अधिकारियों की मॉनिटरिंग का जिम्मा (Responsibility of monitoring officers) सौंपा गया है। इसके तहत प्रभारी सचिव (Secretary in charge) अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में सरकार के सर्वाेच्च प्राथमिकता से जुड़े बिंदुओं की समीक्षा करके 31 मई को वरिष्ठ अधिकारियों की प्रस्तावित बैठक में अपनी रिपोर्ट देंगे। खास बात यह है कि इन प्रभारी सचिवों को अपने प्रभार वाले जिलों में दो दिन रात्रि विश्राम और रात्रि चौपाल करके समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुख्य सचिव सुधांश पंत जिलों में अधिकारियों की ओर से मॉनिटरिंग की पारंपरिक व्यवस्था लागू (Traditional system of monitoring implemented) करके उसे व्यवस्थित रूप देने की कोशिश में है। उनके निर्देश के आधार पर प्रशासनिक सुधार विभाग ने प्रभारी सचिवों के निरीक्षण को व्यवस्थित और सार्थक रूप देने के लिए यह गाइडलाइन जारी की है।
गाइडलाइन के तहत ये दिए गए दिशानिर्देश
जिलों में पेयजल, बिजली आपूर्ति, हीट वेव और मौसमी बीमारियों से जुड़ी स्थिति की समीक्षा प्रभारी सचिव करेंगे। इस समीक्षा के दौरान कलेक्टर, एडीएम, एसडीओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और विभाग के फील्ड स्तर के अधिकारियों का आकलन प्रभारी सचिव करेंगे। मौसमी बीमारियों से जुड़ी स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता की सुनिश्चितता भी देखनी होगी।
गौशाला और पशु-पक्षियों के लिए पेयजल, दवाइयों की व्यवस्था का निरीक्षण करना होगा। सभी राजकीय विभागों में ई-फाइल निपटारा समय पर हो रहा है या नहीं इसका अवलोकन करेगे। साथ ही अधिकारियों-कर्मियों की कार्यक्षमता और समय पालन की समीक्षा करना, लंबित भू-हस्तांतरण,भू-रूपांतरण और भू आवंटन की स्थिति की समीक्षा, लंबित औद्योगिक भू आवंटन प्रस्तावों की समीक्षा।
-जिला प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारी भ्रमण/रात्रि विश्राम और चौपाल करके जनसुनवाई की जा रही है या नहीं, इसकी समीक्षा प्रभारी सचिव करेंगे। अवैध खनन, ड्रग्स और महिला अपराध की स्थिति की समीक्षा, खाद्य पदार्थों में मिलावट और अवधि पार उत्पादों की स्थिति की समीक्षा करेगे।
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मानसून शुरू होने से पूर्व जल संरक्षण, वर्षा संचयन संरचनाओं और अन्य किए जाने वाले ठोस उपायों की समीक्षा। व्यापक स्तर पर पौधरोपण अभियान तैयार करके इसे जन आंदोलन के रूप में क्रियान्वित करने की समीक्षा, प्रभारी सचिवों को 30 मई तक लौटकर रिपोर्ट तैयार करके 31 मई को प्रस्तावित आला अधिकारियों की समीक्षा बैठक में इसे प्रस्तुत करना होगा।