पिछले 48 घंटो की जाच पडताल के बाद पकड़े गए और फरार आरोपियो की मुंबई पुलिस ने कड़ियां जोड़ी जो कि इशारा कर रही है कि इसके पीछे लॉरेंस गैंग(lorence gang) का हाथ हो सकता है। पुलिस को ऐसा क्यो लगा है। आइए हम आपको समझाते है। 14 जुलाई को मुंबई की मकोका कोर्ट में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुए शूटआउट (Crime Branch of Mumbai Police in MCOCA Court, shootout at Galaxy Apartment, home of Bollywood actor Salman Khan.)को लेकर 1736 पन्नो की चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट मे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई सहित कुल 9 लोगो को आरोपी बनाया था।
इसमे क्राइम ब्रांच ने लिखा था सलमान को धमकी तो सिर्फ बहाना है। बल्किं लॉरेंस पूरे मुंबई पर राज करना चाहता है। वह मुंबई अंडरवर्ल्ड पर अपना कंट्रोल चाहता है। अब बाबा सिद्दीकी के कत्ल के बाद दो सवाल सामने आ रहे है। पहला यह कि क्या इस कत्ल के पीछे लॉरेंस गैंग है या दूसरा यह कि यदि वह है तो बाबा सिद्दीकी को क्यो निशाना बनाया गया। आपको बता दे कि बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui)के कत्ल की साजिश को अंजाम देने मे पुलिस ने अब तक कुल 6 लोगो के नाम गुरमैल सिंह, शिवकुमार गौतम, धर्मराज कश्यप, जीशान अख्तर, परवीन लोनकार और शुभम उर्फ शुबु लोनकार शिनाख्त की है। इनमे से तीन गुरमैल सिंह, धर्मराज कश्यप और परवीन लोनकार फिलहाल पुलिस के कब्जे मे है।
जबकि बाकी तीन जीशान, शिवकुमार और शुभम फरार है। पकड़े गए आरोपियो से पूछताछ मे कहानी निकलकर सामने आई वो कुछ यूं कि पंजाब के जालंधर के शकर गांव का रहने वाला जीशान मर्डर और डकैती के केस मे पटियाला जेल मे बंद था। उसका अपना एक गैंग है। वह साल 2022 से जून 2024 तक पटियाला जेल ही बंद था। उसकी मुलाकात लॉरेंस गैंग के कुछ गुर्गों से हुई थी। इसके अलावा जेल मे रहने के दौरान उसकी मुलाकात गुरमैल सिंह से भी हुई थी। जो अपने बड़े भाई के कत्ल के इल्जाम मे सजा काट रहा था।
इसी साल 7 जून को जीशान जमानत पर जेल से बाहर आ गया। इसी वक्त गुरमैल भी जमानत पर जेल से बाहर आ चुका था। जीशान ने गुरमैल के घर कैथल जाकर उससे मुलाकात की। इसके बाद मुंबई लोट गया। पुलिस का कहने है कि पटियाला जेल मे रहने के दौरान लॉरेंस गैंग के गुर्गों से बातचीत के बाद जीशान को उसका मैसेज मिला थ। उसे टारगेट का नाम बताया गया था। यह टारगेट बाबा सिद्दीकी ही थे। अब जीशान को शूटरो का इंतजाम करना था। ऐसे शूटर चुने जाने थे जिनका कोई बड़ा क्रिमिनल बैंकग्राउंड ना हो और ना वो वॉटेंड हो। इसके बाद जीशान पुणे पहुंचकरे शुभम उर्फ शुबु लोनकार से मिला था जो पहले से लॉरेंस गैंग के लिए काम कर रहा है।
पुणे मे उसकी अपनी डेरी और तबेला है। उसके बराबर मे एक कबाड़ का गोदाम है। उसी गोदाम मे यूपी के बहराइच से आए धर्मराज कश्यप और शिवकुमार काम करते थे। शुभम ने दोनों को पैसे का लालच देकर काम के लिए तैयार कर लिया था। हैंडलर जीशान के पास तीन शूटर गुरमैल, धर्मराज और शिवकुमार थे। जीशान ने मुंबई मे तीनों के ठहरने का इंतजाम करवाया था। मुंबई के कुर्ला इलाके में 14 हजार रुपए में किराए का एक फ्लैट लिया था। इसमें तीनों रहा करते थे। फ्लैट 2 सितंबर को किराए पर लिया गया। मुंबई आने के बाद अब तीनों का एक काम था। वह बांद्रा ईस्ट मे बाबा सिद्दीकी की रेकी कर पता लगाना कि वह कब कहां जाते है किनसे मिलते है। कब घर पर होते है। कब बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर जाते है। कुर्ला से ये तीनों हमेशा ऑटो से बांद्रा आए करते थे। फिर दिन भर बाबा सिद्दीकी की हर मूवमेंट की टोह लेते थे।
गुरमैल और धर्मराज के पास से 2 मोबाइल फोन मिले है। इनमे से एक सिर्फ कॉलिंग मोबाइल था। जबकि दूसरे मोबाइल से मुंबई की बीच पर घूमते हुए इनकी तस्वीरे मिली है। रेकी के बाद दशहरे का दिन चुना गया था। वजह थी कि उस दिन मूर्ति विसर्जन और गरबा कार्यक्रम मे बाबा सिद्दीकी को हिस्सा लेना था। ऐसे एक गरबा कार्यक्रम से वो अपने बेटे जीशान के दफ्तर लौटे थे। तीनो लगातार बाबा सिद्दीकी का पीछा कर रहे थे। तीनों के पास पिस्टल थी। पर बाबा पर फायरिंग सिर्फ गुरमैल सिंह ने की। उसने 6 गोलियां चलाईं, जिनमें से 3 गोली बाबा को लगी थी। तीनों उस रोज भी ऑटो से आए थे। चेहरा रुमाल से ढका हुआ था। गोली चलाने से पहले उन्होंने आसपास खड़े गार्ड के ऊपर मिर्च स्प्रे फेंका था। वरदात के बाद गुरमैल और धर्मराज मौके पर पकड़े गए। जबकि शिवकुमार भागने में कामयाब रहा था।
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उसने अगले दिन की सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था। पोस्ट शुबु लोनकार महाराष्ट्र के नाम से डाला गया था। पोस्ट था जिसमे बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद पहली बार जिम्मेदारी ली गई थी। पर इस पोस्ट में लॉरेंस, उसके भाई या उसके गैंग के किसी बड़े नाम के हवाले से कुछ नहीं लिखा था। इसको पोस्ट करने वाले शुबु लोनकार महाराष्ट्र जिसका असली नाम शुभम लोनकर है। उसका सुराग पुलिस को मिल चुका था। अब पुलिस की टीम पुणे मे थी। परे पुणे मे अपने तबेले पर तो नहीं मिला पर उसका छोटा भाई परवीण लोनकर जरूर हाथ आ गया था। साजिश में शामिल होने के शक में पुलिस उसको गिरफ्तार कर अपने साथ मुंबई ले आई. अब उस शुभम की तलाश कर रही है, जिसने कायदे से बाबा सिद्दीकी के कत्ल के लिए दो शूटरों का इंतजाम किया था। जाहिर है इसका जवाब तभी मिलेगा जब लॉरेंस बिश्नोई से मुंबई पुलिस पूछताछ करेगी।
उसे अपनी कस्टडी में लेगी. लेकिन लॉरेंस को कस्टडी में लेकर गुजरात से मुंबई लाना इतना आसान नहीं है। ऐसी कोशिश मुंबई पुलिस एक बार पहले भी कर चुकी है। सलमान खान के घर पर 14 अप्रैल को गोली चलाने के मामले मे मुंबई पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी उसमे आरोपी नंबर 1 होने के बावजूद मुंबई पुलिस लॉरेंस की पुलिस कस्टडी नहीं ले पाई थी। ना ही उसे मुंबई ला पाई थी। बाबा सिद्दीकी के केस मे भी यदि सचमुच असली साजिशकर्ता लॉरेंस है, तो इस बार भी उम्मीद कम ही है कि उसको साबरमती जेल से निकालकर पूछताछ के लिए मुंबई लाया जाएगा. लेकि यहा भी सवाल खड़ा होता है कि ऐसा क्यों? लॉरेंस को अहमदाबाद की साबरमती जेल से पूछताछ के लिए किसी और राज्य या शहर में क्यों नही भेजा जाता है।इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि अपने देश के गृहमंत्रालय का एक फरमान है।
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2023 में गृह मंत्रालय ने सीआरपीसी की धारा 268(1) के तहत आदेश जारी किया। लॉरेंस बिश्नोई को पूछताछ के नाम पर या उसके खिलाफ दर्ज किसी और केस मे कहीं ट्रांसफर नही किया जाएगा। यानि वह साबरमती जेल के अंदर रहेगा। यदि बाब सिद्दीकी के कत्ल के पीछे लॉरेंस का हाथतो फिर सवाल ये उठता है इसकी वजह क्या हो सकती है। क्योंकि लॉरेंस गैंग ने कभी बाबा सिद्दीकी को ना तो धमकी दी ना ही उनसे कभी उसकी दुश्मनी रही है। सिर्फ सलमान खान के दोस्त होने की वजह से उनका कत्ल करवाया तोे वजह हजम नहीं होती है। इस जवाब गैलेक्सी शूटाउट केस मे दाखिल मुंबई पुलिस की चार्जशीट में है। उसमें मुंबई पुलिस ने कहा था लॉरेंस मुंबई चाहता है। मुंबई पर कंट्रोल चाहता है। तो क्या मुंबई में अपनी पैठ बनाने के लिए लॉरेंस ने बाबा सिद्दीकी को चुना था।