बूंदी। जिले में कई कर्मचारी अधिकारी 3 साल से अधिक समय से यहां जमें हुए है। आपको बतादें, कि निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार के निर्देशों के बावजूद बूंदी जिले में ऐसे दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी तैनात है जो लंबे समय से यहां टिके हुए हैं तथा उन्हें इसी जिले अथवा संसदीय क्षेत्र में स्थानांतरित कर बार-बार प्रभाव के चलते वापस क्यों लगाया जा रहा है।
तालेड़ा तहसील क्षेत्र में वर्षो से जमें है
उदाहरण के तौर पर तालेड़ा तहसील क्षेत्र में तैनात पटवारी ब्रह्म दयाल मीणा व धनराज मीणा प्रथम पोस्टिंग से यहां लगे है, हाल ही में दोनों का तबादला बारां जिले में हो चुका है, जिन्हे जिला कलेक्टर द्वारा 22 फरवरी को रिलीव कर दिया गया है। लेकिन तहसीलदार द्वारा अभी तक इन्हे लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर बल्लोप के मुआवजा कांड में सस्पेंड कर अन्यंत्रत स्थान पर लगाए गए पटवारी सीमा और कानूनगो रामप्रसाद मीणा को चंद महिने बाद फिर से तालेड़ा में पद स्थापित कर दिया है। इसी प्रकार राजेंद्र जैन कानूनगो लंबे समय से तालेड़ा तहसील क्षेत्र में जमे हुए हैं।
वहीं तालेड़ा में एलआर रहे नायब तहसीलदार अनिल धाकड़ भी लंबे समय से यहां जमे हुए है हाल ही में इनका तबादला नायब तहसीलदार डाबी के पद पर किया गया है। हालांकी उन्होने अभी ज्योईन नहीं किया है। लेकिन विधानसभा और संसदीय क्षेत्र भी वही रहा है। बता दे कि गत विधानसभा चुनाव 2023 में भी अनिल धाकड़ को तालेड़ा से हटाकर बूंदी लगाया गया था। बूंदी जिले में और भी ऐसे कई अधिकारी और कर्मचारी तैनात है। निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो इसके लिए ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से यहां जमे हुए हैं उनको लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार उचित कार्यवाही की जानी चाहिए।
भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किए आदेश
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों 3 साल पूरा करने के बाद जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है उन्हें इस संसदीय क्षेत्र के किसी अन्य जिले में तैनात नहीं किया जाए। इसकी अक्षरशः पालन करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने उन मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिनमें राज्य सरकारों द्वारा अधिकारियों को एक ही संसदीय क्षेत्र के भीतर निकटवर्ती जिले में स्थानांतरित किया है, आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा स्थानांतरण नीति को मजबूत किया है कि अधिकारी समान अवसर को बिगाड़ने में सक्षम नहीं है। चुनाव आयोग ने पूर्ववर्ती आदेशों का हवाला देते हुए अक्षरशः पालन करने के लिए कहा है। साथ ही कहा के अनुपालना दिखाने के लिए इसे छिपाया जाना नहीं चाहिए। यह नियम उन तबादलों और पोस्टिंग पर पूर्वव्यापी रूप से लागू होता है जिन्हें आयोग के पूर्व आदेश के अनुसार पहले ही लागू किया जा चुका है।
आयोग ने उपरोक्त पिछले निर्देशों के अनुपातों को प्रमाणित करने वाली एक रिपोर्ट संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी द्वारा 26 फरवरी 2024 को अपराह्न 3 बजे तक आयोग को प्रस्तुत करने के लिए कहा है।