राजस्थान में भजनलाल सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पाली जिले का एक वायरल वीडियों चर्चा में (A viral video of Pali district is in discussion) बना हुआ है। यह कार्यक्रम जिले के बांगड़ कॉलेज में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रभारी मंत्री झाबरसिंह खर्रा, कलेक्टर एलएन मंत्री, आईजी प्रदीप मोहन शर्मा, एसपी चूनाराम जाट समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भजनलाल सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना था, लेकिन एक वायरल वीडियो ने पूरे आयोजन की साख पर सवाल खड़े कर दिए।
वीडियो में क्या दिखा?
वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि चाय परोसने के लिए इस्तेमाल किए गए कपों को कॉलेज के टॉयलेट में धोया (Washed cups in college toilet) गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कपों को टॉयलेट के फर्श पर रखकर धोया गया और फिर उन्हीं कपों में चाय परोसकर मंत्री, कलेक्टर और आईजी जैसे बड़े अधिकारियों को दी (Served tea in cups to senior officials like Minister, Collector and IG) गई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Video goes viral rapidly on social media) हुआ और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
सरकार की उपलब्धियां और कप धोने का विवाद
इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने जनता को बताया कि सरकार ने बीते एक साल में किन-किन क्षेत्रों में प्रगति की है। लेकिन दूसरी तरफ, टॉयलेट में कप धोने का वीडियो (Video of washing cup in toilet) कार्यक्रम की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। यह वीडियो कॉलेज के प्राचार्य कक्ष के पास स्थित टॉयलेट का बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। कई लोग इसे सरकार और प्रशासन की लापरवाही बता रहे हैं। कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि क्या कॉलेज के कर्मचारियों को यह भी नहीं पता कि कप धोने के लिए टॉयलेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए? वहीं, कुछ लोग इसे कार्यक्रम की तैयारी में गंभीर चूक मानते हुए आयोजकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जिम्मेदारों का मौन
इस मामले पर अब तक किसी भी अधिकारी या कार्यक्रम आयोजक का कोई बयान सामने नहीं आया है। जब मीडिया ने वीडियो के संबंध में अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेनी चाही, तो सभी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
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यह कार्यक्रम राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आयोजित किया गया था। इसमें जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। लेकिन कप धोने की इस घटना ने आयोजन की गरिमा को प्रभावित कर दिया।