Bhangarh Fort History: राजस्थान का भानगढ़ किला, जो अलवर जिले में स्थित है, को भारत की सबसे भूतिया जगहों में से एक माना जाता है। जयपुर के पास स्थित इस किले की भयावहता और रहस्यमयता दुनियाभर में मशहूर है। 17वीं शताब्दी में आमेर के मुगल सेनापति मानसिंह के छोटे भाई राजा माधो सिंह ने इस किले का निर्माण कराया था। आज, यह किला अपनी रहस्यमयी कहानियों और डरावनी घटनाओं के कारण पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
भानगढ़ किले की विशेषताएं
भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort) अपनी भव्यता के साथ-साथ अपने डरावने रहस्यों (scary mysteries) के लिए जाना जाता है। किले के परिसर में आज भी हवेलियों, मंदिरों, और सुनसान बाजारों के अवशेष खंडहर के रूप में खड़े हैं। सूर्यास्त के बाद, इस किले में कोई भी प्रवेश करने की हिम्मत नहीं करता, यहां तक कि पशु-पक्षी भी नहीं। किले का वातावरण इतना रहस्यमय और डरावना है कि यहाँ से गुजरने वाले लोग कहते हैं कि शाम होते ही यहां बुरी आत्माएं जाग जाती हैं।
छत का रहस्य
भानगढ़ के किले की सबसे अजीब बात यह है कि यहां बने घरों की छतें कभी भी टिकती नहीं हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि इस पर संत बालूनाथ का श्राप है, जिसके कारण किसी भी घर की छत नहीं टिकती (the roof of the house does not hold)। उनका कहना है कि जब भी कोई नई छत बनाने की कोशिश करता है, तो वह अपने आप गिर जाती है। यह बात भानगढ़ के हर बच्चे-बच्चे को मालूम है।
संत बालूनाथ और महाराजा की कहानी
भानगढ़ के महाराज माधो सिंह (Maharaja Madho Singh of Bhangarh), संत बालूनाथ के बहुत बड़े भक्त थे। संत बालूनाथ (Sant Balunath) ने अपनी तपस्या के लिए महाराज से एक गुफा की मांग की थी। लेकिन दरबार के पुजारी, महाराज और संत के बीच के अच्छे रिश्ते को देखकर जलते थे। उन्होंने एक षड्यंत्र रचा और एक बिल्ली को मारकर गुफा में डाल दिया, जिससे बदबू फैल गई। और महराज को संत बालूनाथ के मरने की खबर कर दी। जिसपर महाराज माधो सिंह ने गुफा को बंद करवा दिया। संत बालूनाथ जब अपनी तपस्या से बाहर निकले और देखा कि गुफा का दरवाजा बंद कर दिया गया है, तो उन्होंने क्रोधित होकर भानगढ़ के तबाह होने का श्राप दे दिया।
राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक की कहानी
किले से जुड़ी एक और रहस्यमयी कहानी राजकुमारी रत्नावती की है, जो अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती थी। एक तांत्रिक, सिंधिया, ने राजकुमारी को पाने के लिए जादू-टोना किया। जब राजकुमारी को इस चाल का पता चला, तो उसने जादुई तेल की शीशी को पत्थर पर फेंक दिया, जिससे वह पत्थर एक बड़ी शिला में बदल गया और तांत्रिक के ऊपर गिर गया। मरने से पहले तांत्रिक ने भी किले को श्राप दिया कि यह स्थान हमेशा के लिए बर्बाद हो जाए।
रहस्यमयी आवाजें और डरावने अनुभव
कई लोगों का दावा है कि किले में औरतों के चीखने, चूड़ियां टूटने और रोने की आवाजें आती हैं (There are sounds of women screaming, bangles breaking and crying in the fort)। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि किले की दीवारों के पास कान लगाने पर आत्माओं की आवाजें सुनाई देती हैं। कुछ पर्यटक बताते हैं कि उन्हें ऐसा लगा जैसे कोई साया उनका पीछा कर रहा हो।
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भानगढ़ का किला आज भी रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है। यदि आप भी इन डरावनी कहानियों और रहस्यों को महसूस करना चाहते हैं, तो एक बार भानगढ़ जरूर जाएं और जानें कि इन कहानियों में कितनी सच्चाई है।