जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बजट पूर्व संवाद में किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघों के प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है कि उनके जीवन स्तर में सुधार हो। उन्होंने एक साल के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किए गए दूरगामी फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों का सशक्तीकरण ही राजस्थान को एक मजबूत और विकसित राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र की अहमियत
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसानों और पशुपालकों के योगदान को सराहते हुए कहा कि अन्नदाता अपनी मेहनत से देश और प्रदेश को खाद्य सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। कृषि और पशुपालन राज्य की जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत योगदान देते हैं और प्रदेश के करीब 85 लाख परिवारों को रोजगार मुहैया कराते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और पशुपालकों के सुझावों को आगामी बजट 2025-26 में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि कृषि क्षेत्र में और अधिक सुधार किए जा सकें।
पानी और बिजली की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने एक साल में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों को पानी और बिजली की आपूर्ति प्राथमिकता से सुनिश्चित की गई है। ईआरसीपी-पीकेसी परियोजना, यमुना जल समझौता, माही डेम और देवास परियोजना के माध्यम से किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा। इसके अतिरिक्त, ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में 2.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए हैं, जिससे 2027 तक किसानों को दिन के समय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
रेन वाटर रिचार्ज और प्रवासी राजस्थानियों का योगदान
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से “कर्म भूमि से मातृभूमि अभियान” चला रही है। इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रेन वाटर रिचार्ज इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को पानी मिल सकेगा। इस प्रकार की पहल राज्य के जल संकट को सुलझाने और किसानों की जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
किसानों के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाना
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के आगामी कदमों के बारे में भी बात की, जिसमें किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से परिचित कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत राज्य सरकार प्रगतिशील किसानों को विदेश भेजने की योजना बना रही है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय कृषि तकनीकों को जान सकें और उन्हें अपनी खेती में लागू कर सकें। साथ ही, राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एग्रीस्टेक की शुरुआत करने जा रही है, जिसके तहत ग्राम पंचायतों में फार्म रजिस्ट्री कैंप आयोजित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस योजना के अंतर्गत 2,822 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम वितरित किया गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने 65 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया है, और अब तक 1,355 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।
सूक्ष्म सिंचाई और महिला किसानों के लिए योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों की स्थापना के लिए 574 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है। इसके साथ ही, 32 लाख से अधिक महिला किसानों को बीज मिनिकिट निःशुल्क वितरित किए गए हैं, जिससे उन्हें अपनी खेती में मदद मिल सके। राज्य सरकार ने कृषि यंत्रों को सस्ती दरों पर किराये पर उपलब्ध कराने के लिए 330 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की है, जो किसानों को आधुनिक यंत्रों का उपयोग करने में सहायता प्रदान करेंगे।
पशुपालकों के लिए योजनाएं
मुख्यमंत्री ने पशुपालकों के लिए ब्याज मुक्त ऋण की योजना का भी उल्लेख किया। राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना के तहत डेयरी से संबंधित गतिविधियों के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पंजीकृत गौशालाओं को मिलने वाले अनुदान में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
किसान प्रतिनिधियों के सुझाव और समापन
इस बैठक में जालौर, सवाईमाधोपुर, बीकानेर, अजमेर, चुरू, जयपुर, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, जोधपुर, फलोदी, बालोतरा, जैसलमेर, सीकर सहित विभिन्न अंचलों के प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री से कृषि और पशुपालन के संबंध में सुझाव दिए। साथ ही, कोटा, भरतपुर, पाली डेयरी संघों ने भी अपनी राय प्रस्तुत की। इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, राज्य किसान आयोग अध्यक्ष सी. आर. चौधरी और अन्य उच्च अधिकारीगण मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस बैठक को समापन करते हुए आश्वासन दिया कि किसानों की समृद्धि और कल्याण के लिए राज्य सरकार सभी संभव प्रयास करेगी।