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राजस्थान में पट्टा लेना हुआ महंगा, शुल्क में 8 गुना बढ़ोतरी से बढ़ा बोझ

Taking lease becomes expensive in Rajasthan, burden increased due to 8 times increase in fee

राजस्थान में जमीन के पट्टे लेने वालों के लिए अब नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। भजनलाल सरकार ने नगर निकायों के फ्रीहोल्ड पट्टों के शुल्क में आठ गुना बढ़ोतरी (Eight times increase in fees for freehold leases) कर दी है। यह बढ़ोतरी न केवल नए आवेदकों पर लागू होगी, बल्कि उन पर भी प्रभाव डालेगी, जिन्होंने पहले आवेदन किया था, लेकिन शुल्क जमा नहीं कराया था।

आठ गुना बढ़ा शुल्क, नई दरें लागू

स्वायत्त शासन विभाग ने फ्रीहोल्ड पट्टा लेने के लिए निर्धारित शुल्क को आठ गुना बढ़ा दिया है। पहले जहां पट्टों के लिए 25 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से शुल्क लिया जाता था, अब इसे बढ़ाकर 200 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है। प्रशासन शहरों के संग अभियान (Campaign with Administration Cities) के तहत आवेदन करने वाले और शुल्क न जमा करने वाले आवेदकों को भी नई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा।

गहलोत सरकार के फैसले बदले

भजनलाल सरकार बनने के बाद गहलोत सरकार के कई फैसलों को बदलने या संशोधित करने का सिलसिला जारी है। पूर्ववर्ती सरकार ने 5,000 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए पट्टे जारी (Leases issued for plots) करने का जो निर्णय लिया था, उसे भी बदलने की योजना है। अब ऐसे भूखंडों के पट्टे नगरीय निकाय विभाग के नए नियमों के अनुसार ही जारी किए जाएंगे।

नए नियमों का पालन अनिवार्य

स्वायत्त शासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन आवेदकों ने पट्टे के लिए फाइल जमा करवा रखी है, उन्हें भी नई दरों का पालन करना होगा (Will have to follow the new rates)। निकाय संस्थाएं आवेदकों को नई दरों पर आधारित मांग पत्र जारी करेंगी। मांग पत्र जारी होने की तिथि से 30 दिन के भीतर शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। अगर शुल्क एक महीने के बाद जमा किया जाता है, तो 9ः ब्याज सहित राशि वसूली जाएगी। दो महीने (60 दिन) तक शुल्क जमा न करने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

जमा राशि पर असमंजस, मांगा मार्गदर्शन

नई दरें लागू होने के बाद उन आवेदकों के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिन्होंने पुराने दर पर शुल्क जमा कर दिया, लेकिन अभी तक पट्टा जारी नहीं हुआ है। ऐसे मामलों में नगर परिषद ने डीएलबी (Director of Local Bodies) से मार्गदर्शन मांगा है। इन आवेदकों को नई दरों का पालन करना होगा या पुराने दर से पट्टा मिलेगा, इस पर अभी निर्णय लंबित है।

30 दिन के भीतर शुल्क जमा करना होगा

जिन आवेदकों को नई दरों पर मांग पत्र मिलेगा, उन्हें इसे गंभीरता से लेना होगा। मांग पत्र मिलने के 30 दिन के भीतर शुल्क जमा करना अनिवार्य है। एक महीने के बाद 9ः ब्याज के साथ शुल्क वसूला जाएगा। दो महीने तक शुल्क जमा न करने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

भजनलाल सरकार के फैसले से बढ़ा जनता पर भार

भजनलाल सरकार के इस फैसले से आम जनता पर बड़ा आर्थिक भार पड़ने वाला है। नई दरें जमीन खरीदने वालों के लिए महंगी साबित हो रही हैं। पहले से आवेदन करने वाले भी नई दरों से प्रभावित होंगे। जनता को पट्टा शुल्क में राहत मिलने की उम्मीद अब समाप्त होती नजर आ रही है।

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राजस्थान में जमीन के पट्टे लेने का खर्च अब काफी बढ़ गया (The cost of taking land lease has now increased significantly in Rajasthan) है। भजनलाल सरकार का यह निर्णय राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इससे आम जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ने की पूरी संभावना है। जिन लोगों ने पहले ही शुल्क जमा कर दिया है, उनके मामले पर सरकार का फैसला महत्वपूर्ण रहेगा। वहीं, नई दरों को लागू करने के बाद लोगों को पट्टा प्रक्रिया में जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।

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