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Success Story : कौन हें IAS राजकमल यादव?, दक्षिण सिक्किम के 7500 लोगों को गोद लेकर बदली थी उनकी जिंदगी

Success Story: Who is IAS Rajkamal Yadav? He changed the lives of 7500 people of South Sikkim by adopting them.

Success Story of IAS Rajkamal Yadav: राजकमल यादव 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में हुआ था। राजकमल यादव अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। उनका कहना है कि उन्हे अपने पिता से प्रेरणा मिलती थी। उनके पिता का नाम किशोर कुमार यादव है, वे ग्रामीण बैंक में काम करते थे।

राजकमल यादव की प्रारंभिक शिक्षा
राजकमल यादव ने अपनी कक्षा 06 तक की पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से पूरी की थी, जिसके बाद आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने लखनऊ के सैनिक स्कूल में एडमिशन लिया। उन्होंने इसी स्कूल से साल 2001 में 10वीं और 2003 में 12वीं की पढ़ाई पूरी की। राजकमल क्रिकेट के अच्छे प्लेयर हैं। इसके अलावा, उन्हे बॉडी बिल्डिंग का भी शौक है। वो कई-कई घंटे जिम में पसीना बहाते हैं।

कॉलेज से ही शुरु कर दी थी तैयारी
राजकमल यादव ने मद्रास पशुचिकित्सा महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दौरान ही अपनी आईएएस की तैयारी शुरु कर दी थी। कॉलेज आने के बाद वो आईएएस से संबंधित जीके, जीएस और बाकी के विषयों की घंटो-घंटो तक पढ़ाई करते थे। उन्होंने पहले प्रयास में 12 से 15 महीनों की तैयारी में ही IAS की परीक्षा पास कर ली थी।

राजकमल यादव की रैंक और बैच
राजकमल यादव ने 2012 की यूपीएससी परीक्षा में 21 एआईआर रैंक (Rajkamal Yadav secured 21st AIR rank in 2012 UPSC exam) के साथ सफलता हासिल की। उन्हें सचिवालय प्रशासन विभाग में विशेष सचिव के रूप में तैनात किया गया था। वह 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

राजकमल यादव की रणनीति
किसी भी परीक्षा के लिए अध्ययन करने से पहले परीक्षा की बारीकियों को अच्छी तरह से समझना महत्वपूर्ण है। परीक्षा का पाठ्यक्रम, परीक्षा पैटर्न, परीक्षा की समय सारिणी आदि को अच्छे से ध्यान में रखें। ये सब देखने के बाद पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र उठाएं और उन्हें पढ़ें और देखें कि परीक्षा में क्या चीजें मांगी जा रही हैं।

7,500 लोगों को दी बेहतर जिंदगी
राजकमल यादव ने दक्षिण सिक्किम (South Sikkim) जिले में पोस्टिंग के बाद जिले के कुछ गांवो का रूप बदला था। इस दौरान जिले के कई गांवों को रोजाना स्कूल, बिजली-पानी की अनियमित आपूर्ति और विकास की सामान्य जैसे कई मुद्दों से जूझना पड़ रहा था। साल 2014 में आईएएस अधिकारी राज यादव की जिला मजिस्ट्रेट (DM) के रूप में नियुक्ति के साथ ये समस्याएं समाप्त हो गईं।

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उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा गोद लिया गया गांव (Village adopted by district administration) या ‘DAAV’ initiative पहल की शुरुआत की थी। इस मॉडल के तहत जिला प्रशासन अविकसित गांव को गोद लेकर उसके विकास की सीधी जिम्मेदारी लेता है। इस पहल के चलते जिले के 7,500 लोगों को बेहतर जीवन मिल सका। वर्तमान में राजकमल यादव उत्तर प्रदेश के बागपत जिले मे अपनी सेवा दे रहे हैं।

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