अर्थी को कंधों ले जाने और पैरों में कीचड़, हाथों में लकड़ियां व कंडे लेकर जाना किसी मुसीबत से कम नहीं
टोंक/उनियारा, (शिवराज बारवाल मीना)। जिले के उनियारा उपखंड के दर्जनों गांवों में शमशान घाटों तक जाने वाले रास्तों की बदहाल स्थिति ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश के मौसम में ये रास्ते इतने कीचड़ भरे हो जाते हैं कि किसी की मृत्यु होने पर अर्थी को कंधे पर उठाकर शमशान घाट तक ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
लसाडिया गांव में आई मुसीबत
ग्राम पंचायत हैदरीपुरा के लसाडिया गांव में हाल ही में हुई नाथी देवी की मृत्यु के दौरान ग्रामीणों को इसी समस्या का सामना करना पड़ा। शमशान घाट (Crematorium) तक जाने वाले रास्ते में इतना कीचड़ था कि लोगों को घुटनों तक कीचड़ में फंसकर चलना पड़ा। हाथों में लकड़ी और कंडे लेकर वे शमशान घाट पहुंचे।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
इस समस्या से परेशान ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवारों को चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उन्हें करारा जवाब देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार इस समस्या को लेकर अधिकारियों के पास गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई (No Hearing Took Place) है।
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पंचायत प्रतिनिधियों की भी है शिकायत
पंचायत समिति सदस्य फोरूलाल मीणा ने बताया कि उन्होंने कई बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ग्राम पंचायत हैदरीपुरा के सरपंच शुभम मीणा ने कहा कि उन्होंने नरेगा योजना के तहत इस रास्ते को बनाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन कुछ ग्रामीणों के अतिक्रमण के कारण काम में बाधा आ रही है।