अजमेर। अपर जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 ब्यावर ने बुधवार को 7 वर्ष पुराने दुष्कर्म के प्रकरण में फैसला (Verdict in 7 year old rape case) सुनाते हुए राजस्थान पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा (Head constable sentenced to 10 years rigorous imprisonment) सुनाई है। न्यायाधीश ने आरोपी को 50 हजार रुपये के अर्थदंड और अदम अदायगी के रूप में 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से भी दंडित किया है।
यह मामला बिजयनगर थाना पुलिस का है। आरोपी हेड कांस्टेबल बुधवार को पुलिस वर्दी में पेशी पर आया था, जहां पर उसकी वर्दी उतरवाकर उसे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। अपर लोक अभियोजक चंद्र विजय सिंह ने बताया कि ब्यावर निवासी गोविन्दराम पुत्र देवाराम 2017 में बिजयनगर थाने में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था।
मई 2017 में बिजयनगर थाना क्षेत्र में एक विधवा महिला के घर में हुई चोरी को लेकर बिजयनगर थाने में परिवाद दर्ज हुआ था। परिवाद की जांच हेड कांस्टेबल गोविन्दराम कर रहा था, जांच के सिलसिले में गोविन्दराम विधवा के घर आता-जाता रहता था। इस दौरान गोविन्द राम एक रात को उसके घर पहुंचा तथा उसके साथ जोर जबरदस्ती करते हुए दुष्कर्म किया।
इस दौरान आरोपी गोविन्द राम ने सीसीटीवी कैमरे के फुटैज पैन ड्राइव में ले लिए और विधवा को परेशान करता रहा। जिस पर 2018 में विधवा की और से बिजयनगर थाने में मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए हेड कांस्टेबल को दोषी मानते हुए न्यायालय में चालान पेश किया।
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करीब 7 वर्ष तक चले प्रकरण में अभियोजन पक्ष की और से 8 गवाह और 16 दस्तावेज पेश किए गए। बुधवार को न्यायाधीश ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए अभियोजक पक्ष के तर्काे से सहमत होते हुए आरोपी हेड कांस्टेबल गोविन्दराम को 10 वर्ष के कठोर कारावास, 50 हजार रुपये के अर्थदंड और अदम अदायगी के रूप में 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित किया। न्यायालय से सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने आरोपी हेड कांस्टेबल के गिरफ्तार कर सैदरिया स्थित सब जेल भिजवा दिया।