दौसा। जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में चल रहे अवैध कोचिंग सेंटर्स पर अब शिकंजा कसने की तैयारी (Now preparations to tighten the noose on illegal coaching centers) प्रशासन ने शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, राजस्थान कोचिंग संस्थान विधेयक 2023 एवं जिला कलक्टर के निर्देशों की पालना में अब अवैध कोचिंग संस्थान संचालन पर शिक्षा विभाग, उपखण्ड प्रशासन एवं पुलिस विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगा।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविन्दनारायण माली ने बताया कि नई गाइड लाइन के अनुसार कोचिंग केन्द्रों को नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी से पंजीकरण कराना होगा। 16 वर्ष से कम आयु के छात्र का कोचिंग संस्थान में प्रवेश नहीं किया जाएगा। छात्र का नामांकन माध्यमिक स्कूल परीक्षा के बाद ही किया जा सकेगा।
अभिभावकों-छात्रों को कोचिंग केन्द्र में नामांकन कराने के लिए भ्रामक वादे या अच्छे रैंक दिलाने की गारंटी नहीं दी जाएगी। कोचिंग संस्थान को स्नातक से उच्च योग्यता के एवं सद्धरित्र ट्यूटर्स की नियुक्ति करनी होगी। मापदण्डानुसार भौतिक सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी। वहीं स्कूल समय के दौरान कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी।
कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षिति गेट कीपर, मनोचिकित्सक, सीसीटीवी कैमरे, शिकायत पेटी, अग्नि शमन सेवा, सुरक्षा हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। कोचिंग केन्द्र अपने द्वारा आयोजित मूल्याकंन परीक्षा परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा।
गाइड लाइन की पालना के लिए जिला कलक्टर ने सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी को अध्यक्ष, पुलिस वृत्ताधिकारी को सदस्य एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव बनाकर एक नियंत्रण कमेटी का गठन भी कर दिया है।
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सीडीईओ ने बताया कि नई गाइड लाइन से सभी कोचिंग संस्थान संचालकों को भी अवगत कराया जाकर नियमों की पालना करने के लिए पाबन्द किया जा रहा है। इधर, प्रशासन के आदेश से नियमों को ताक पर रखकर कोचिंग का संचालन करने वालों में खलबली मच गई।