जयपुर। चूहों से फैलने वाली लैप्टोस्पायरोसिस (leptospirosis) बीमारी के मामले राजस्थान में बीते 4 महीनों में तेजी से फैले हैं। चिकित्सकों का कहना है की इस बीमारी के लक्षण आम बुखार (Symptoms of disease common fever) की तरह ही होते हैं और सही समय पर इलाज ना मिले, तो मरीज की मल्टीऑर्गन फेल्योर से मौत (Death from multiorgan failure) तक हो सकती है। लैप्टोस्पायरोसिस बीमारी आमतौर पर चूहों से इंसानों तक पहुंचती है (Leptospirosis disease is usually transmitted from rats to humans)। पिछले चार महीने में इस बीमारी से जुड़े मरीज लगातार सामने आ रहे हैं।
चिकित्साकों का कहना है की यह बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आती, चूहों के यूरीन से फैलने वाली लैप्टोस्पायरोसिस बीमारी के सबसे अधिक मामले जयपुर, अलवर, दौसा, अजमेर, टोंक, भरतपुर, करौली व सवाईमाधोपुर में देखने को मिले हैं। प्रदेश में अब तक इस बीमारी के 32 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे सबसे अधिक 15 पॉजिटिव केस जयपुर से हैं।
चिकित्सकों का कहना है की लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है। इसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलती है। लेप्टोस्पायरोसिस आमतौर पर जानवरों के पेशाब से मनुष्यों में पहुंचती है, जिसमें लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया होता है।
सवाई मानसिंह अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि लेप्टोस्पायरोसिस से ग्रसित होने पर मरीज में सबसे पहले तेज बुखार देखने को मिलता है और उसके बाद शरीर पर हल्के फफोले पड़ने शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण भी नजर आते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चूहों की संख्या ज्यादा है, वहां पर इस बीमारी से ग्रसित मरीज अधिक पाए जाते हैं। ऐसे में कई बार इस बीमारी की पहचान करने में भी समय लग जाता है। मनोज शर्मा का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाओं से इस बीमारी का इलाज संभव है।
आमतौर पर ब्रुसेलोसिस बीमारी (Brucellosis disease) जानवरों में देखने को मिलती है, लेकिन अब यह बीमारी इंसानों में भी देखने को मिल रही है। बीते चार महीनों में ब्रुसेलोसिस के 61 मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। इस बीमारी के सर्वाधिक 34 मामले जयपुर से देखने को मिले हैं। इसके अलावा दौसा, अलवर, करौली, सवाईमाधोपुर, अजमेर, भरतपुर में भी इस बीमारी से ग्रसित मरीज सामने आए हैं।
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ब्रुसेलोसिस बीमारी जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है, जो जानलेवा नहीं है। इस बीमारी के लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं, जिसमे बुखार आना, भूख न लगना, पीठ दर्द, ठंड लगना, सुस्ती, चक्कर आना, सिर दर्द, पेट दर्द, जोड़ो में दर्द और वजन घटना प्रमुख लक्षणों में शामिल है। चिकित्सकों का कहना है कि कच्चे मांस का सेवन और कच्चे दूध के सेवन से इस बीमारी का ख़तरा अधिक बढ़ जाता है।