नई दिल्ली। जब बात निवेश की आती है, भारतीय निवेशक सोना, प्रॉपर्टी और एफडी (Indian investors gold, property and FD) जैसे पारंपरिक विकल्पों पर भरोसा करते थे। लेकिन पिछले 25 सालों का आंकड़ा (25 years data) देखे तो शेयर बाजार ने सभी को पछाड़ते हुए निवेशकों को सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।
अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली (American financial services company Morgan Stanley) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों की कुल संपत्ति में बीते एक दशक में 717 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जिसमें से लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी (शेयर बाजार) में किए गए निवेश से आया है।
शेयर बाजार ने दिया सबसे बेहतरीन रिटर्न
अगर निवेश विकल्पों की तुलना की जाए, तो इक्विटी (stock market) ने 25 सालों में सबसे अधिक 15 प्रतिशत का औसत वार्षिक रिटर्न दिया है। वहीं, सोने ने 11.1ः, एफडी ने 7.3ः और देश के 7 प्रमुख शहरों की प्रॉपर्टी में केवल 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
शेयर बाजार में इस जबरदस्त वृद्धि ने न केवल निवेशकों को मालामाल किया है, बल्कि ये इस बात का प्रमाण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था भी तेजी से विकसित हो रही है। शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश ने निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न देकर सबसे आकर्षक निवेश विकल्प बना दिया है।
भारतीय परिवारों की बढ़ी संपत्ति
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारतीय परिवारों ने पिछले 10 सालों में शेयर बाजार से लगभग 84 लाख करोड़ रुपये की कमाई की। खास बात यह है कि यह कमाई केवल 3 प्रतिशत की निवेश हिस्सेदारी से हुई है। इसके अलावा नई कंपनियों के फाउंडर्स ने भी पिछले 10 सालों में 819 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जिसमें से 20 प्रतिशत यानी लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की कमाई इक्विटी निवेश से हुई।
शेयर बाजार में उच्च उतार-चढ़ाव के बावजूद भारी मुनाफा
हालांकि शेयर बाजार में निवेशकों को लगभग 30.7 प्रतिशत की उच्च वोलैटिलिटी (उतार-चढ़ाव) का सामना करना पड़ा, लेकिन इसकी तुलना में गोल्ड में केवल 11.3 प्रतिशत और एफडी में 1.6 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव रहा। यह दर्शाता है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर होता है, लेकिन लंबे समय के लिए सही निवेश करने पर यह मुनाफा दिला सकता है।
रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। 2013 में यह भागीदारी 8 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई है। यह दर्शाता है कि शेयर बाजार में अब आम भारतीय निवेशक की दिलचस्पी भी बढ़ी है।
भारतीय शेयर बाजार का वैश्विक स्तर पर बढ़ता प्रभाव
बीते 10 सालों में भारतीय शेयर बाजार का कुल मार्केट कैप 4.5 गुना बढ़ गया है। 2014 में यह लगभग 101 लाख करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर लगभग 437 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसी के साथ, भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है। दुनियाभर के कुल मार्केट कैप में भारत की हिस्सेदारी अब 4.3ः हो गई है, जो कि 2013 में मात्र 1.6 प्रतिशत थी।
Securities Transaction Tax में वृद्धि
शेयर बाजार में बढ़ते लेनदेन के चलते भारत में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) के संग्रहण में भी तेजी आई है। इस बढ़ते निवेश के कारण सरकार को भी काफी राजस्व प्राप्त हो रहा है।
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शेयर बाजार ने बीते 25 सालों में भारतीय निवेशकों को सबसे ज्यादा रिटर्न दिया (The stock market gave the highest returns to Indian investors in the last 25 years) है, जिससे उनकी संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई है। बढ़ते उतार-चढ़ाव के बावजूद, शेयर बाजार निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हुआ है। सोना और प्रॉपर्टी जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में अब अधिक से अधिक लोग इक्विटी में निवेश कर रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में शेयर बाजार निवेश का मुख्य स्रोत बन सकता है।