बूंदी। खटकड़ के पास मेज नदी के आगे केसरपुरा वन खंड में अवैध बजरी खनन, मिट्टी खनन और पेड़ कटाई (Illegal gravel mining, clay mining and tree cutting) की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर वन विभाग ने रायथल तहसीलदार पुष्पेंद्र कूमार शर्मा एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी गश्ती दल प्रभारी मनीष कुमार शर्मा के नेतृत्व में बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए मौके से 8 ट्रैक्टर मय ट्रॉली, एक जेसीबी मशीन, 3 कुट्टी मशीन जप्त (8 tractors with trolley, one JCB machine, 3 Kutti machines seized) की। जबकि मौके से अवैध खनन कर्ता और जंगल कटाई करने वाले लोग फरार हो गए। वन विभाग की यह कार्यवाही करीब 18 घंटे तक चली। जिसमें गश्ती दल के सहायक वनपाल नरेन्द्र सिंह, राजेश शर्मा, वन रक्षक भरत लाल गुर्जर व नैनवां, केशोरायपाटन व बूंदी रेंज वन कर्मी कार्यवाही में शामिल रहे।
जानकारी के अनुसार अवैध बजरी खनन, मिट्टी खनन और पेड़ कटाई की लगातार मिल रही शिकायतों पर शनिवार शाम को रायथल तहसीलदार पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने जिला वन मंडल अधिकारी ओम प्रकाश जांगिड़ को क्षेत्र में चल रही अवैध वन गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। जिसपर जिला वन मंडल अधिकारी जांगिड़ ने क्षेत्रीय वन अधिकारी गश्ती दल प्रभारी मनीष कुमार शर्मा को मय टीम के साथ मौके पर भेजा। टीम ने शनिवार शाम 7 बजे से अपनी कार्यवाही शुरू की। क्षेत्र में जगह-जगह अवैध बजरी खनन, मिट्टी खनन और पेड़ कटाई के अवशेष मिलें।
माफियाओं द्वारा अवैध बजरी खनन, मिट्टी खनन और पेड़ कटाई में प्रयुक्त संसाधन छिपा दिए जिनकी खोज करने और माफियाओं द्वारा हमला करने की आशंका के चलते रात्रि 10 बजे करीब जिला वन मंडल अधिकारी से अतिरिक्त जाप्त मांगा गया। जिस पर नैनवां, केशोरायपाटन व बूंदी रेंज से अतिरिक्त वन सुरक्षाकर्मी मौके पर भेजे गए।
कार्यवाही में जगह-जगह अवैध बजरी खनन, मिट्टी खनन और पेड़ कटाई के अवशेष मिले, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध वन गतिविधियां संचालित हो रही थी। वन विभाग की टीम ने क्षेत्र के अलग-अलग जगह कार्यवाही कर संसाधनों को कब्जे में लिया। लेकिन मौका पाकर खनन माफिया, वाहन चालक आदी फरार हो गए।
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रविवार सुबह जिला वन मंडल अधिकारी भी कार्यवाही क्षेत्र में पहुंचे और कार्यवाही की मॉनिटरिंग की। दोपहर तक कार्यवाही जारी थी, वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।