बूंदी। न्यायालय जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने बूंदी के एक वकील को शांति भंग में गिरफ्तार (Lawyer arrested for disturbing peace) करने के मामले में रायथल थाना अधिकारी, रायथल तहसीलदार और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश (Orders to take action against Raithal police station officer, Raithal Tehsildar and other police personnel) दिए है। घटनाक्रम अनुसार, गत 9 दिसंबर को रायथल थाना पुलिस ने अपने पक्षकार के साथ थाने में गए एडवोकेट रमेश चंद्र को शांति भंग के मामले में गिरफ्तार कर लोकअप में डाल दिया था।
पुलिस द्वारा 24 घंटे बाद एडवोकेट रमेश चंद्र को कार्यपालक मजिस्ट्रेट तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया। जहां एडवोकेट ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट को बताया कि वह पेशे से वकील है उसका किसी भी पक्ष से कोई निजी संबंध नहीं है, ना ही उसका किसी मारपीट, गाली गलौच और धमकी देने की घटना में कोई योगदान रहा है। लेकिन तहसीलदार ने निगराकार के पक्ष को विचार में लिए बिना केवल थाना अधिकारी रायथल के कहने पर आक्षेपित आदेश पारित किया।
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एडवोकेट रमेश चंद्र ने पुलिस कार्रवाई और कार्यपालक मजिस्ट्रेट के निर्णय के विरुद्ध जिला सेशन न्यायालय में निगरानी याचिका पेश की। जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आक्षेपित आदेश को अपास्त कर दिया, न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को आदेश की प्रति भेज कर रायथल थाना अधिकारी बाबूलाल मीणा व अन्य पुलिस कर्मियों के विरुद्ध जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाही एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने जांच के दौरान थाना अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित अथवा लाइन हाजिर कर जांच रिपोर्ट 16 मार्च को न्यायालय में पेश करने के लिए कहा है। न्यायालय ने आक्षेपित आदेश जारी करने पर तहसीलदार रायथल के खिलाफ भी समुचित कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही के जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर बूंदी को निर्देश दिए हैं।