राजस्थान के कोटा में नशे के रूप में औषधीयो के दुरुपयोग (Abuse of drugs as drugs in Kota) को रोकने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान में शुक्रवार को प्रहलाद मीणा सहायक औषधि नियंत्रक कोटा के निर्देशन में संतोषी नगर चौराहे स्थित कोटा मेडिकल स्टोर (Kota Medical Store) पर दिनेश कुमावत एवं योगेश कुमार औषधि नियंत्रण अधिकारी कोटा द्वारा कार्रवाई की गई।
दिनेश कुमावत औषधि नियंत्रण अधिकारी कोटा ने बताया कि कोटा स्थित थोक विक्रेताओं से नशे के रूप में उपयोग में ली जाने वाली औषधियां के विक्रय रिकॉर्ड के आधार पर शुक्रवार को संतोषी नगर चौराहा पर स्थित कोटा मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान फर्म द्वारा नशे के रूप में उपयोग में ली जाने वाली लगभग 1000 अविल इंजेक्शन, 63 कोडिन सिरप एवं 100 स्पास्मो प्रॉक्सीवों कैप्सूल (1000 Avil Injection, 63 Codeine Syrup and 100 Spasmo Proxyvon Capsules) को बिना डॉक्टर की पर्ची एवं बिना बिल के बेचना पाया गया।
निरीक्षण के दौरान फर्म में विक्रय बिल संधारण के लिए कोई कंप्यूटर सिस्टम भी नहीं पाया गया, उक्त फर्म को लाइसेंस अगस्त 2023 में दिया गया था एवं उक्त फॉर्म ने मात्र 8 महीनों में भारी मात्रा में नशे के रूप में उपयोग आने वाली औषधीया खरीदी एवं बिना डॉक्टर की पर्ची के आमजन को रिटेल में बेच दी (Sold in retail to the general public without doctor’s prescription)। मौके पर फर्म की निरीक्षण रिपोर्ट बनाई गई जिस पर अग्रिम कार्रवाई के लिए निरीक्षण रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जा रही है। मौके पर उक्त फर्म को बन्द करवा दिया गया है।
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दिनेश कुमावत औषधि नियंत्रण अधिकारी कोटा का कहना है कि एविल इंजेक्शन का उपयोग नशे के रूप में किया जाता है जो की आज की नई पीढ़ी के लिए जानलेवा नशा है। कोटा में जिन दवा विक्रेताओं द्वारा अविल इंजेक्शन बिना डॉक्टर की पर्ची के बेचा जाता है आगे भी उन पर निगरानी रखके औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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