वाशिंगटन – राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump) द्वारा पिछले महीने बर्खास्त किए गए महानिरीक्षकों का एक समूह अब पुनः बहाल किए जाने के लिए मुकदमा दायर कर रहा है। उनका आरोप है कि ट्रम्प ने उन्हें कांग्रेस को सूचित किए बिना और बर्खास्तगी के कारणों को स्पष्ट किए बिना बर्खास्त किया, जिससे संघीय कानून का उल्लंघन हुआ है।
बर्खास्तगी के शिकार महानिरीक्षक
पेंटागन और स्वास्थ्य और मानव सेवा, कृषि, राज्य, शिक्षा, श्रम और वयोवृद्ध मामलों के विभागों के पूर्व महानिरीक्षकों ने बुधवार को यह मुकदमा दायर किया (Filed a lawsuit)। यह मुकदमा ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद पहले शुक्रवार की रात को बर्खास्तगी की सूचना मिलने के तीन सप्ताह से भी कम समय बाद दायर किया गया।
पूर्व महानिरीक्षक का बयान
वीए के पूर्व महानिरीक्षक माइकल मिसल ने कहा, “स्वतंत्र और गैर-पक्षपाती महानिरीक्षकों की बर्खास्तगी (Dismissal of Inspectors General) कानून का उल्लंघन है। हम अपनी बहाली के लिए मुकदमा कर रहे हैं ताकि हम अमेरिकी जनता के लिए धोखाधड़ी, अपव्यय और दुरुपयोग से निपट सकें।”
व्हाइट हाउस की एक और बर्खास्तगी
मंगलवार रात, व्हाइट हाउस ने USAID (अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी) के महानिरीक्षक पॉल के. मार्टिन को भी बर्खास्त कर दिया। यह बर्खास्तगी उस रिपोर्ट के बाद हुई, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि एजेंसी में कर्मचारियों की कमी और फंडिंग में रुकावट के कारण 489 मिलियन डॉलर की खाद्य सहायता की राशि बर्बाद हो सकती है।
महानिरीक्षकों की बर्खास्तगी का कानूनी पहलू
राष्ट्रपति महानिरीक्षकों को बर्खास्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कांग्रेस को 30 दिन पहले सूचित करना और बर्खास्तगी के कारणों का स्पष्ट विवरण देना होता है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा इस प्रक्रिया का पालन न करने के कारण विवाद उठ खड़ा हुआ है।
सीनेट की प्रतिक्रिया
सीनेट न्यायपालिका समिति के प्रमुख सदस्य, चक ग्रासली और डिक डर्बिन ने ट्रम्प को पत्र लिखकर बर्खास्तगी के कारणों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि कार्यकारी शाखा में भ्रष्टाचार और दुरुपयोग से निपटने के लिए महानिरीक्षक अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
महानिरीक्षकों की भूमिका
महानिरीक्षक सरकारी एजेंसियों के स्वतंत्र निगरानीकर्ता होते हैं, जो सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, धोखाधड़ी, और अपव्यय की जांच करते हैं। मिसल, जो 2016 से वेटरन्स अफेयर्स में महानिरीक्षक थे, उनके अनुसार, उनकी निगरानी ने कई धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका और दोषियों को सजा दिलाई।
संघीय कर्मचारियों और एजेंसियों की निगरानी
मुकदमे में शामिल आठ पूर्व महानिरीक्षकों ने मिलकर 3.5 मिलियन से अधिक संघीय कर्मचारियों और 5 ट्रिलियन डॉलर की वार्षिक एजेंसियों की समीक्षा की। उनके काम ने कई बड़े मामलों में सुधार किया, जैसे धोखाधड़ी को रोका गया, कमजोर नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार को समाप्त किया गया, और सरकारी सेवाओं का सही तरीके से वितरण सुनिश्चित किया गया।
ट्रम्प प्रशासन में बर्खास्तगी और मुकदमेबाजी
ट्रम्प प्रशासन के दौरान कई प्रमुख बर्खास्तगियाँ हुईं, जो कभी-कभी कानूनी विवादों का कारण बनीं। ट्रम्प और उनके सहयोगियों का कहना था कि वह कार्यकारी शक्ति के तहत किसी भी अधिकारी को हटा सकते हैं। हालांकि, इन बर्खास्तगियों ने विवाद और मुकदमेबाजी को जन्म दिया है, खासकर जब ये प्रक्रियाएँ कानून के तहत उचित तरीके से नहीं की गईं।
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यह मुकदमा न केवल महानिरीक्षकों के अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास है, बल्कि यह सरकारी निगरानी तंत्र के महत्व को भी उजागर करता है। यह मामला ट्रम्प प्रशासन के तहत प्रशासनिक बदलावों और उनकी कानूनी वैधता पर सवाल खड़ा करता है, जो भविष्य में संवैधानिक बहस का हिस्सा बन सकता है।