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By-Election: निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने SDM को मारा थप्पड़, जानें क्या है पुरा मामला

By-Election: Independent candidate Naresh Meena slaps SDM, know what is the whole matter

टोंक, (चेतन वर्मा)। राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट के By-Election के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना (Incident of independent candidate Naresh Meena slapping SDM Amit Chaudhary) ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह घटना ऐसे समय में हुई जब राज्य की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम और इसके पीछे की वजह।

मतदान का बहिष्कार से बढ़ा तनाव

देवली-उनियारा सीट पर हो रहे उपचुनाव के दौरान समरावता और बीसलपुर गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार (Villagers of Samravata and Bisalpur villages boycotted voting) कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव पहले उनियारा उपखंड में था, लेकिन पिछली सरकार ने उन्हें देवली उपखंड में शामिल कर दिया। देवली उपखंड का मुख्यालय गांव से 95 किलोमीटर दूर है, जबकि उनियारा उपखंड मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। ग्रामीणों को रोजमर्रा के कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे वे नाराज हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके गांव को फिर से उनियारा में शामिल किया जाए। इस मांग के समर्थन में उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया।

एसडीएम से हुई झड़प और थप्पड़ कांड


मतदान के बहिष्कार के चलते प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश करने का प्रयास किया। मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी भी गांव में मौजूद थे और स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रहे थे। इसी बीच निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी ग्रामीणों का समर्थन करने वहां पहुंचे। समझाइश के दौरान एसडीएम और मीणा के बीच तीखी बहस हो गई, जिसके बाद नरेश मीणा ने तैश में आकर SDM को थप्पड़ मार दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है।

थप्पड़ के पीछे नरेश मीणा ने बताई ये वजह


घटना के बाद नरेश मीणा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे चार घंटे से ग्रामीणों के साथ बैठे थे और उनकी मांग का समर्थन कर रहे थे। मीणा ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षिका को धमकाया कि यदि उन्होंने मतदान नहीं किया तो उनकी नौकरी चली जाएगी। मीणा का कहना है कि एसडीएम की इस धमकी से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और इसी कारण उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ (Slap to SDM) मारकर जवाब दिया।

नरेश मीणा का चुनाव आयोग पर आरोप


इसके अलावा, नरेश मीणा ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आयोग ने साजिश के तहत उनकी चुनावी पहचान को कमजोर करने के लिए EVM मशीन में उनके चुनाव चिंह को हल्का कर दिया, जिससे मतदाताओं को परेशानी हो रही है और उनके वोटों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।

जिला निर्वाचन अधिकारी का बयान


जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) डॉ. सौम्या झा (DM Dr. Soumya Jha) ने इस मामले में कहा कि एरिया मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समरावता गांव के ग्रामीणों की मांग का समाधान चुनाव के बाद किया जाएगा। आचार संहिता लागू होने के कारण अभी इस पर विचार नहीं किया जा सकता है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद प्रपोजल सरकार को भेजा जाएगा ताकि गांव को उनियारा तहसील में वापस जोड़ा जा सके।

पुलिस ने लिया संज्ञान- पुलिस अधीक्षक


इस घटना के बाद टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान (Superintendent of Police Vikas Sangwan) ने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लिया गया है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सांगवान ने बताया कि उन्होंने खुद मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया है और पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। दूसरी तरफ, राजस्थान प्रशासनिक सेवा संघ (RAS Association) ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की मांग की है और इस घटना की कड़ी निंदा की है।

नरेश मीणा और कांग्रेस से बगावत


गौरतलब है कि नरेश मीणा पहले कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब वे निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं और उनके समर्थकों में युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या देखी जा रही है। इससे देवली-उनियारा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिसमें कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है।

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इस घटना ने देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर काबू पा लिया है, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है। नरेश मीणा का इस तरह खुलेआम एसडीएम से उलझना और थप्पड़ मारना प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक गंभीर मामला बन गया है, जिस पर राज्य स्तर पर भी चर्चा हो रही है।

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