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अजमेर की मस्जिद में 3 बदमाशों ने लाठी-डंडे से हमला कर की मौलाना की हत्या, बच्चों को भी डराया

In the mosque of Ajmer, 3 miscreants attacked with sticks and killed Maulana, also scared children.

अजमेर। शहर के रामगंज थाना इलाके की एक मस्जिद में शुक्रवार देर रात करीब 2 से बजे के बीच मौलाना की हत्या (Maulana’s murder) कर दी गई। तीन नकाबपोश बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया (Three masked miscreants carried out this incident) है। घटना के समय मस्जिद में 6 नाबालिग भी थे। बदमाशों ने इन बच्चों को धमाकाते हुए कहा कि चिल्लाए तो तुम्हें भी जान से मार देंगे। इसके बाद उन बच्चों को कमरे से बाहर निकाल दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वॉयड टीम को बंलाकर साक्ष्य जुटाए है। फिलहाल शव को मोर्चरी में रखवाया गया है।

रामगंज थाना प्रभारी रविंद्र खींची ने बताया कि शहर के कंचन नगर स्थित मोहम्मदी मदीना मस्जिद में मौलाना मोहम्मद माहिर (30) रहते थे। इनके साथ कुछ बच्चे भी रह रहे थे। रात करीब तीन बजे जब बच्चे चिल्लाते हुए बाहर आए तो आस-पास के लोगों को वारदात की जानकारी लगी। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली।

थाना प्रभारी रविंद्र खींची ने बताया कि तीनों बदमाश मस्जिद के पीछे बने एक रास्ते से अंदर घुसे थे। इसके बाद मौलाना की हत्या (Maulana’s murder) की और उसी रास्ते से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि मौके पर तलाशी ली गई तो उनका मोबाइल भी नहीं मिला। आशंका है कि बच्चे किसी को फोन न कर दें, इसके लिए वे मोबाइल भी साथ ले गए।

उन्होने बताया कि फिलहाल, हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। मस्जिद के पीछे एक बाड़ा बना हुआ है, जहां से दो डंडे बरामद हुए हैं। इसके साथ ही आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। डॉग स्क्वॉयड की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है।

मस्जिद में मौलाना की हत्या (Maulana murdered in mosque) की सूचना मिलने के बाद मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की। मस्जिद में रहने वाले बच्चों ने बताया कि रात को हम सभी कमरे में सो रहे थे। मौलाना माहिर भी हमारे साथ ही सो रहे थे। अचानक से लाठियां लेकर तीन बदमाश कमरे में घुसे। तीनों ने अपना चेहरा कपड़े से ढका हुआ था।

हम सभी बच्चे जाग गए। बदमाशों ने हमें जान से मारने की धमकी देकर कमरे से बाहर निकाल दिया। इसके बाद डंडे से पीट-पीट कर मौलाना साहब की हत्या कर दी। इसके बाद पीछे के रास्ते से फरार हो गए। बच्चों ने बताया कि कमरे में गए तो मौलाना साहब बेसुध थे। हम चिल्लाते हुए बाहर आए और आस-पास के लोगों को घटना की जानकारी दी।

मौलाना माहिर करीब 7 साल पहले यहां रामपुर से आए थे। यहां वो अकेले रहकर बच्चों को पढ़ाते थे। इनका परिवार रामपुर में ही रहता है। मस्जिद में मौलाना के साथ 15 बच्चे रहते थे। ईद के कारण सारे बच्चे अपने घर चले गए थे। परसों ही गांव से लौट कर बच्चे अजमेर आए। 28 अक्टूबर को मस्जिद के मुख्य मौलाना जाकिर हुसैन की तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद मस्जिद के मुख्य मौलाना की जिम्मेदारी मोहम्मद माहिर को दी गई थी।

मौलाना की हत्या की सूचना के बाद अजमेर दक्षिण पुलिस उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों की सूचना पर एफएसएल टीम को भी बुलाया गया। बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग भी मस्जिद पर पहुंच गए थे।

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माहौल को देखते हुए पुलिस ने यहां अतिरिक्त फोर्स को तैनात किया है। समाज के लोगों ने पुलिस से जल्द कार्रवाई कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। मौलाना के शव को अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है।

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